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________________ २०६ ठाणं (स्थान) स्थान ३ : सूत्र २८०-२८४ णोदुम्मणे भवति । नोदर्मनाः भवति । हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २८०. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८०. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष पराजित करता हूं इसलिए पराजिणामीतेगे सुमणे भवति, पराजये इत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष पराजित पराजिणामीतेगे दुम्मणे भवति, पराजये इत्येकः दुर्मनाः भवति, करता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पराजिणामीतेगे जोसुमणे- पराजये इत्येक: नोसुमना:-नोदुर्मनाः पुरुष पराजित करता हूं इसलिए न णोदुम्मणे भवति । भवति । सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २८१. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८१. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष पराजित करूंगा इसलिए पराजिणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, पराजेष्ये इत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष पराजित पराजिणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, पराजेष्ये इत्येकः दुर्मनाः भवति, करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पराजिणिस्सामीतेगे जोसुमणे- पराजेध्ये इत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः पुरुष पराजित करूंगा इसलिए न सुमनस्क णोदुम्मणे भवति । भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २८२. तओ पुरिसजाया पणत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातदयथा १. कुछ पुरुष पराजित नहीं करने पर अपराजिणित्ता णामेगे सुमणे भवति, अपराजित्य नामकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष पराजित अपराजिणित्ताणामेगे दुम्मणे भवति, अपराजित्य नामैक: दुर्मनाः भवति, नहीं करने पर दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ अपराजिणित्ता णामेगे जोसुमणे- अपराजित्य नामैक: नोसुमना:-नोदुर्मनाः पुरुष पराजित नहीं करने पर न सुमनस्क णोदुम्मणे भवति । भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २८३. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- २८३. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं ___ न पराजये इत्येकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष पराजित नहीं करता हूं ण पराजिणामीतेगे सुमणे भवति, न पराजये इत्येकः दुर्मनाः भवति, इसलिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष ण पराजिणामीतेगे दुम्मणे भवति, न पराजये इत्येक: नोसुमना:-नोदुर्मनाः पराजित नहीं करता हूं इसलिए दुर्मनस्क ण पराजिणामीतेगे णोसुमणे- भवति । होते हैं, ३. कुछ पुरुष पराजित नहीं करता णोदुम्मणे भवति। हूं इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २८४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २८४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष पराजित नहीं करूंगा इसलिए ण पराजिणिस्सामीतेगे सुमणे न पराजेष्ये इत्येक: सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष पराजित भवति, न पराजेष्ये इत्येकः दुर्मनाः भवति, नहीं करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. ण पराजिणिस्सामीतेगे दुम्मणे न पराजेष्ये इत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः कुछ पुरुष पराजित नहीं करूंगा इसलिए भवति, भवति । न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते ण पराजिणिस्सामीतेगे जोसुमणेणोदुम्मणे भवति । जहा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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