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________________ ठाणं (स्थान) २०५ स्थान ३ : सूत्र २७५-२७६ जिणामीतेगे दुम्मणे भवति, जयामीत्येकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष जीतता हूं जिणामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे जयामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति। भवति । दुर्मनस्क होते हैं। २७५. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७५. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं। जहातद्यथा १. कुछ पुरुष जीतूंगा इसलिए सुमनस्क जिणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, जेष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष जीतूंगा इसलिए जिणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, जेष्यामीत्येकः दुर्मना: भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष जीतूंगा जिणिस्सामीतेगे जोसुमणे- जेष्यामीत्येक: नोसुमना:-नोदुर्मना: इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न णोदुम्मणे भवति । भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २७६. तो पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष न जीतने पर सुमनस्क होते अजइत्ता णामेगे सुमणे भवति, अजित्वा नामकः सुमनाः भवति, हैं, २. कुछ पुरुष न जीतने पर दुर्मनस्क अजइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, अजित्वा नामैकः दुर्मनाः भवति, होते हैं, ३. कुछ पुरुष न जीतने पर न अजइत्ता णामेगे जोसुमणे- अजित्वा नामैकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। णोदुम्मणे भवति। भवति। २७७. तओ पुरिसजाया पण्णता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७७. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष जीतता नहीं हूं इसलिए ण जिणामीतेगे सुमणे भवति, न जयामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष जीतता ण जिणामीतेगे दुम्मणे भवति, न जयामीत्येकः दुर्मना: भवति, नहीं हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ ण जिणामीतेगे जोसुमणे- न जयामीत्येकः नोसुमना:-नोदुर्मनाः पुरुष जीतता नहीं हूं इसलिए न सुमनस्क णोदुम्मणे भवति। भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २७८. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७८. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंतद्यथा १. कुछ पुरुष नहीं जीतूंगा इसलिए ण जिणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, न जेष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं ण जिणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, न जेष्यामीत्येक: दुर्मना: भवति, जीतूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ ण जिणिस्सामीतेगे जोसुमणे- न जेष्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः पुरुष नहीं जीतूंगा इसलिए न सुमनस्क णोदुम्मणे भवति । भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। जहा पराजिणित्ता-अपराजिणित्ता-पदं पराजित्य-अपराजित्य-पदम्। पराजित्य-अपराजित्य-पद २७६. तओ पुरिसजाया पण्णता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष पराजित करने के बाद पराजिणित्ता णामेगे सुमणे भवति, पराजित्य नामैकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष पराजित पराजिणित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, पराजित्य नामैकः दुर्मनाः भवति, करने के बाद दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पराजिणित्ता णामेगे णोसुमणे- पराजित्य नामक: नोसुमना: पुरुष पराजित करने के बाद न सुमनस्क Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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