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ठाणं (स्थान)
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स्थान ३ : सूत्र २६६-२७४ २६९. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि, प्रज्ञप्तानि तद्यथा-- २६६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहा.योत्स्ये इत्येकः समनाः भवति,
१. कुछ पुरुष युद्ध करूंगा इसलिए जुज्झिस्सामीतेगे सुमणे भवति, योत्स्ये इत्येकः दुर्मनाः भवति,
सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष युद्ध करूंगा जुज्झिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, योत्स्ये इत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष जुझिस्सामीतेगे जोसुमणे- भवति।
युद्ध करूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति।
और न दुर्मनस्क होते हैं। २७०. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि, प्रज्ञप्तानि, २७०. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष युद्ध न करने पर सुमनस्क अजुज्झित्ता णामेगे सुमणे भवति, अयुद्ध्वा नामकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष युद्ध न करने पर अजुज्झित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, अयुद्ध्वा नामकः दुर्मना: भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष युद्ध न अजुज्झित्ता णामेगे जोसुमणे- अयुद्ध्वा नामैकः नोसुमनाः-नोदुर्मना: करने पर न सुमनस्क होते हैं और न णोदुम्मणे भवति । भवति।
दुर्मनस्क होते हैं। २७१. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७१. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करता हूं इसलिए ण जुज्झामीतेगे सुमणे भवति, न युद्ध्ये इत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष युद्ध नहीं ण जुज्झामीतेगे दुम्मणे भवति, न युद्ध्ये इत्येकः दुर्मना: भवति, करता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ ण जुज्झामीतेगे णोसुमणे- न युद्ध्ये इत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः पुरुष युद्ध नहीं करता हूं इसलिए न णोंदुम्मणे भवति ।
सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २७२. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष युद्ध नहीं करूंगा इसलिए ण जुज्झिस्सामीतेगे सुमणे भवति, न योत्स्ये इत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष युद्ध नहीं ण जुझिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, न योत्स्ये इत्येकः दुर्मनाः भवति, करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते है, ३. कुछ ण जुन्झिस्सामीतेगे जोसुमणे- न योत्स्ये इत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मना: पुरुष युद्ध नहीं करूंगा इसलिए न सुमनस्क णोदुम्मणे भवति । भवति।
होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं।
भवति।
जइत्ता-अजइत्ता-पदं जित्वा-अजित्वा-पदम्
जित्वा-अजित्वा-पद २७३. तओ पुरिसजाया पण्णता तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- २७३. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं
जहा—जइत्ता णामेगे सुमणे भवति, जित्वा नामकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष जीतने के बाद सुमनस्क होते जइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, जित्वा नामैकः दुर्मनाः भवति, हैं, २. कुछ पुरुष जीतने के बाद दुर्मनस्क जइत्ता णामेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे जित्वा नामक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः होते हैं, ३. कुछ पुरुष जीतने के बाद न भवति । भवति।
सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २७४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २७४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा
१. कुछ पुरुष जीतता हूं इसलिए सुमनस्क जिणामीतेगे सुमणे भवति, जयामीत्येकः सुमना: भवति,
होते हैं, २. कुछ पुरुष जीतता हूं इसलिए
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