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________________ ठाणं (स्थान) १६६ स्थान २: सूत्र २४३-२४७ ण दासामीतेगे दुम्मणे भवति, न दास्यामीत्येक: दुर्मनाः भवति, ण दासामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे न दास्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः । भवति। भवति । देऊंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष नहीं देऊंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। भुंजित्ता-अभुंजित्ता-पदम् भुक्त्वा-अभुक्त्वा-पदम् भुक्त्वा-अभुक्त्वा-पद २४३. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २४३. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष भोजन करने के बाद भुंजित्ता णामेगे सुमणे भवति, भुक्त्वा नामकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, कुछ पुरुष भोजन करने भुंजित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, भुक्त्वा नामकः दुर्मनाः भवति, के बाद दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भुंजित्ता णामेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे भुक्त्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः भोजन करने के बाद न सुमनस्क होते हैं भवति । भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। २४४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि, प्रज्ञप्तानि, २४४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहा। तद्यथा १. कुछ पुरुष भोजन करता हूं इसलिए भुंजामीतेगे सुमणे भवति, भुनज्मीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन भुंजामीतेगे दुम्मणे भवति, भुनज्मीत्येकः दुर्मना: भवति, करता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ भुंजामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे भुनज्मोत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः पुरुष भोजन करता हूं इसलिए न सुमनस्क भवति । भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २४५. तओ पुरिसजाया पण्णता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २४५. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष भोजन करूंगा इसलिए भुंजिस्सामीतेगे सुमणे भवति, भोक्ष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन भुंजिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, भोक्ष्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ भुंजिस्सामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे भोक्ष्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः पुरुष भोजन करूंगा इसलिए न सुमनस्क भवति। भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २४६. तओ पुरिसजाया पण्णता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २४६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं - जहातद्यथा १. कुछ पुरुष भोजन न करने पर सुमनस्क अजित्ता णामेगे सुमणे भवति, अभुक्त्वा नामकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष भोजन न करने पर अभुंजित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, ___ अभुक्त्वा नामकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन न अ जित्ता णामेगे, जोसुमणे- अभुक्त्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः करने पर न सुमनस्क होते हैं और न णोदुम्मणे भवति। भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २४७. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि, प्रज्ञप्तानि, २४७. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष भोजन नहीं करता हूँ इसण भुंजामीतेगे सुमणे भवति, न भुनज्मीत्येकः सुमनाः भवति, लिए सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष ण भुंजामीतेगे दुम्मणे भवति, न भुनज्मीत्येक: दुर्मना: भवति, भोजन नहीं करता हूँ इसलिए दुर्मनस्क ण भुंजामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे न भुनज्मीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः होते हैं, ३. कुछ पुरुष भोजन नहीं करता Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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