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________________ ठाणं (स्थान) १६८ स्थान ३ : सूत्र २३७-२४२ दच्चा-अदच्चा-पदं दत्त्वा-अदत्त्वा--पदम् दत्त्वा-अदत्त्वा-पद २३७. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २३७. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं जहा—दच्चा णामेगे सुमणे भवति, तद्यथा-दत्त्वा नामकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष देने के बाद सुमनस्क होते हैं दच्चा णामेगे दुम्मणे भवति, दत्त्वा नामकः दुर्मनाः भवति, २. कुछ पुरुष देने के बाद दुर्मनस्क होते हैं, दच्चा णामेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे दत्त्वा नामकः नोसुमनाः-नोदुर्मना: ३. कुछ पुरुष देने के बाद न सुमनस्क होते भवति । भवति । हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २३८. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २३८. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा-- १. कुछ पुरुष देता हूं इसलिए सुमनस्क देमीतेगे सुमणे भवति, ददामीत्येक: सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष देता हूं इसलिए देमीतेगे दुम्मणे भवति, ददामीत्येकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं ३. कुछ पुरुष देता हूं देमीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे ददामीत्येकः नोसुमना:-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति। भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २३६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २३६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष देऊंगा इसलिए सुमनस्क दासामीतेगे सुमणे भवति, दास्यामीत्येकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष देऊंगा इसलिए दासामीतेगे दुम्मणे भवति, दास्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष देऊंगा दासामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे दास्यामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति। भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २४०. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २४०. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष न देने पर सुमनस्क होते हैं, अदच्चा णामेगे सुमणे भवति, अदत्त्वा नामैक: सुमनाः भवति, २. कुछ पुरुष न देने पर दुर्मनस्क होते हैं, अदच्चा णामेगे दुम्मणे भवति, अदत्त्वा नामैक: दुर्मनाः भवति, ३. कुछ पुरुष न देने पर न सुमनस्क होते अदच्चा णामेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे अदत्त्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। भवति । भवति । २४१. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानिः २४१. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष देता नहीं हूं इसलिए ण देमीतेगे सुमणे भवति, न ददामीत्येक: सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष देता नहीं ण देमीतेगे दुम्मणे भवति, न ददामीत्येकः दुर्मनाः भवति, हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष ण देमीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे न ददामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः देता नहीं हूं इसलिए न सुमनस्क होते हैं भवति । भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। २४२. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २४२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंतद्यथा १. कुछ पुरुष नहीं देऊंगा इसलिए ण दासामीतेगे सुमणे भवति, न दास्यामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं जहा www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only Jain Education International
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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