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________________ ठाणं (स्थान) १९६ स्थान ३ : सूत्र २२७-२३१ बेमीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे ब्रवीमीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति, भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २२७. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- २२७. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहावक्ष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष बोलूंगा इसलिए सुमनस्क बोच्छामीतेगे सुमणे भवति, वक्ष्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष बोलंगा इसलिए बोच्छामीतेगे दुम्मणे भवति, वक्ष्यामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष बोलूंगा बोच्छामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे भवति । इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २२८. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा-२२८. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहा अनुक्त्वा नामकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष न बोलने पर सुमनस्क होते अबूइत्ता णामेगे सुमणे भवति, अनुक्त्वा नामैकः दुर्मनाः भवति, हैं, २. कुछ पुरुष न बोलने पर दुर्मनस्क अबू इत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, अनुक्त्वा नामैक: नोसुमना:-नोदुर्मनाः होते हैं, ३. कुछ पुरुष न बोलने पर न अबूइत्ता णामेगे णोसुमणे- भवति । सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। णो दुम्मणे भवति । २२९. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा-- २२६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहान ब्रवीमीत्येकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष बोलता नहीं हूं इसलिए ण बेमीतेगे सुमणे भवति, न ब्रवीमीत्येकः दुर्मनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष बोलता ण बेमीतेगे दुम्मणे भवति, न ब्रवीमीत्येकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः नहीं हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ ण बेमौतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे भवति । पुरुष बोलता नहीं हूं इसलिए न सुमनस्क भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २३०. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, तद्यथा- २३०. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहा न वक्ष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष नहीं बोलूंगा इसलिए सुमण बोच्छामीतेगे सुमणे भवति, न वक्ष्यामीत्येक: दुर्मनाः भवति, नस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं बोलूंगा ण बोच्छामीतेगे दुम्मणे भवति, न वक्ष्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष ण बोच्छामीतेगे जोसुमणे- भवति । नहीं बोलूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। भासित्ता-अभासित्ता पदम् भाषित्वा-अभाषित्वा-पदम् भाषित्वा-अभाषित्वा-पद २३१. तओ पुरिसजाया पण्णता, तं त्रीणिपुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि,तद्यथा- २३१. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहा भाषित्वा नामैक: सुमना: भवति, १. कुछ पुरुष संभाषण करने के बाद सुमभासित्ता णामेगे सुमणे भवति, भाषित्वा नामकः दुर्मनाः भवति, नस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष संभाषण करने भासित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, भाषित्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः के बाद दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष भासित्ता गामेगे जोसुमणे- भवति । संभाषण करने के बाद न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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