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________________ ठाणं (स्थान) १६५ स्थान ३ : सूत्र २२२-२२६ छिदिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, छेत्स्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छिदिस्सामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे छेत्स्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः छेदन करूंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं भवति। भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। २२२. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष छेदन न करने पर सुमनस्क छिदित्ता णामेगे सुमणे भवति, अछित्त्वा नामैकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन न करने पर अछिदित्ता णामेगे दुम्मणे भवति, अछित्त्वा नामैक: दुर्मना: भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष छेदन न अछिदित्ता णामेगे जोसुमणे- अछित्त्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः करने पर न सुमनस्क होते हैं और न णोदुम्मणे भवति। भवति। दुर्मनस्क होते हैं । २२३. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२३. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष छेदन नहीं करता हूं इसलिए ण छिदामीतेगे सुमणे भवति, न छिनमीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन नहीं ण छिदामीतेगे दुम्मणे भवति, न छिनमीत्येकः दुर्मनाः भवति, करता हूं इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ण छिदामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे न छिनमीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः ३. कुछ पुरुष छेदन नहीं करता हूं इसलिए भवति। भवति । न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते २२४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष छेदन नहीं करूंगा इसलिए ण छिदिस्सामीतेगे सुमणे भवति, न छेत्स्यामीत्येकः सुमनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष छेदन नहीं ण छिदिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, न छेत्स्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, करूंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ ण छिदिस्सामीतेगे जोसुमणे- न छेत्स्यामीत्येकः नोसुमनाः-नोदुमनाः । पुरुष छेदन नहीं करूंगा इसलिए न सुमनस्क णोदुम्मणे भवति । भवति। होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। बूइत्ता-अबूइत्ता-पदं उक्त्वा-अनुक्त्वा-पदम् उक्त्वा-अनुक्त्वा-पद २२५. तओ पुरिसजाया पण्णता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२५. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष बोलने के बाद सुमनस्क बू इत्ता णामेगे सुमणे भवति, उक्त्वा नामकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष बोलने के बाद बूइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, उक्त्वा नामकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष बोलने के बूइत्ता णामेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे उक्त्वा नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः बाद न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क भवति। भवति। होते हैं। २२६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २२६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष बोलता हूं इसलिए सुमनस्क बेमीतेगे सुमणे भवति, ब्रवीमीत्येकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष बोलता हूं इसलिए बेमीतेगे दुम्मणे भवति, ब्रवीमीत्येकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष बोलता हूं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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