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________________ हैं। ठाणं (स्थान) १६३ स्थान ३: सूत्र २११-२१५ अणिसिइत्ता णामेगे दुम्मणे भवति, अनिषद्य नामैक: दुर्मनाः भवति, होते हैं, ३. कुछ पुरुष न बैठने पर न अणिसिइत्ता णामेगे णोसुमणे- अनिषद्य नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते णोदुम्मणे भवति। भवति । २११. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २११. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष न बैठता हूं इसलिए सुमण णिसीदामीतेगे सुमणे भवति, न निषीदामीत्येकः सुमनाः भवति, नस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष न बैठता हूं ण णिसीदामीतेगे दुम्मणे भवति, न निषीदामीत्येकः दुर्मनाः भवति, इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष ण णिसीदामीतेगे जोसुमणे- न निषीदामीत्येकः नोसुमना:-नोदुर्मना: न बैठता हूं इसलिए न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति । भवति। और न दुर्मनस्क होते हैं। २१२. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष नहीं बैठूगा इसलिए सुमण णिसोदिस्सामीतेगे सुमणे भवति, न निषत्स्यामीत्येकः सुमनाः भवति, नस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष नहीं बैठेगा ण णिसीदिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, न निषत्स्यामीत्येक: दुर्मनाः भवति, इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष ण णिसीदिस्सामीतेगे जोसुमणे- न निषत्स्यामीत्येक: नोसुमनाः- नहीं बैठेगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं णोदुम्मणे भवति । नोदुर्मना: भवति । और न दुर्मनस्क होते हैं। हंता-अहंता-पदम् हत्वा-अहत्वा-पदम् हत्वा-अहत्वा-पद २१३. तओ पुरिसजाया पणत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१३. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं जहा—हता णामगे सुमणे भवति, तद्यथा-हत्वा नामैकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष मारने के बाद सुमनस्क होते हंता णामेगे दुम्मणे भवति, हत्वा नामैक: दुर्मनाः भवति, हैं, २. कुछ पुरुष मारने के बाद दुर्मनस्क हंता णामेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे हत्वा नामकः नोसुमना:-नोदुर्मनाः होते हैं, ३. कुछ पुरुष मारने के बाद न भवति। भवति। सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। २१४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा-- १. कुछ पुरुष मारता हूं इसलिए सुमनस्क हणामीतेगे सुमणे भवति, हन्मीत्येक: सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष मारता हूं इसलिए हणामीतेगे दुम्मणे भवति, __हन्मीत्येकः दुर्मनाः भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष मारता हूं हणामीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे हन्मीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति। भवति। दुर्मनस्क होते हैं। २१५. तओ पुरिसजाया पणत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, २१५. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष मारूंगा इसलिए सुमनस्क हणिस्सामीतेगे सुमणे भवति, हनिष्यामीत्येकः सुमनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष मारूंगा इसलिए हणिस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, हनिष्यामीत्येक: दुर्मना: भवति, दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष मारूंगा हणिस्सामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे हनिष्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न भवति। भवति । दुर्मनस्क होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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