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________________ ठाणं (स्थान) १६० १६४. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि,- जहा. तद्यथाण जाइस्सामि एगे सुमणे भवति, न यास्याम्येकः सुमना: भवात, ण जाइस्सामि एगे दुम्मणे भवति, न यास्याम्येक: दुर्मनाः भवति, ण जाइस्सामि एगे जोसुमणे- न यास्याम्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मना: णोदुम्मणे भवति । भवति। स्थान ३ : सूत्र १९४-१६६ १६४. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं १. कुछ पुरुष नहीं जाऊंगा इसलिए सुमनस्क होते हैं, २.कुछ पुरुष नहीं जाऊंगा इसलिए दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष नहीं जाऊंगा इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। आगंता-अणागंता-पदं आगत्य-अनागत्य-पदम् आगत्य-अनागत्य-पद १९५. 'तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १६५. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं जहा-आगंता णामेगे सुमणे भवति, तद्यथा—आगत्य नामैकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष आने के बाद सुमनस्क होते आगंता णामेगे दुम्मणे भवति, आगत्य नामकः दुर्मनाः भवति, हैं, २. कुछ पुरुष आने के बाद दुर्मनस्क आगंता णामेगे जोसुमणे- आगत्य नामैकः नोसुमनाः-नोदुर्मनाः होते हैं, ३. कुछ पुरुष आने के बाद न णोदुम्मणे भवति। भवति। सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं । १९६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १९६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं जहा—एमीतेगे सुमणे भवति, तद्यथा—एमीत्येकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष आता हूं इसलिए सुमनस्क एमीतेगे दुम्मणे भवति, एमीत्येक: दुर्मनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष आता हूं इसलिए एमीतेगे णोसुमणे-णोदुम्मणे एमीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष आता हूं भवति। भवति। इसलिए न सुमनस्क होते हैं, और न दुर्मनस्क होते हैं। १९७. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १६७. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं जहा_एस्सामीतेगे समणे भवति, तदयथा-एष्यामीत्येकः समनाः भवति. १. कुछ पुरुष आऊंगा इसलिए सुमनस्क एस्सामीतेगे दुम्मणे भवति, एष्यामीत्येकः दुर्मनाः भवति, होते हैं, २. कुछ पुरुष आऊंगा इसलिए एस्सामीतेगे जोसुमणे-णोदुम्मणे एष्यामीत्येक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः दुर्मनस्क होते हैं, ३. कुछ पुरुष आऊंगा भवति । भवति। इसलिए न सुमनस्क होते हैं और न दुर्मनस्क होते हैं। १९८. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १६८. पुरुष तीन प्रकार के होते हैंजहातद्यथा १. कुछ पुरुष न आने पर सुमनस्क होते हैं, अणागंता णामेंगे सुमणे भवति, अनागत्य नामैक: सुमनाः भवति, २. कुछ पुरुष न आने पर दुर्मनस्क होते हैं, अणागंता णामेगे दुम्मणे भवति, अनागत्य नामैकः दुर्मनाः भवति, ३. कुछ पुरुष न आने पर न सुमनस्क होते अणांगता णामेगे णोसुमणे- अनागत्य नामैक: नोसुमनाः-नोदुर्मनाः हैं और न दुर्मनस्क होते हैं । णोदुम्मणे भवति। भवति। १६६. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं त्रीणि पुरुषजातानि प्रज्ञप्तानि, १६६. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं जहा-ण एमीतेगे सुमणे भवति, तद्यथा-नैमीत्येकः सुमनाः भवति, १. कुछ पुरुष न आता हूं इसलिए ण एमीतेगे दुम्मणे भवति, नमीत्येकः दुर्मनाः भवति, सुमनस्क होते हैं, २. कुछ पुरुष न आता हूं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003598
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Thanam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages1094
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size23 MB
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