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ठाणं (स्थान)
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३. जिसके चारों ओर कांटों की बाड़ हो अथवा मिट्टी का परकोटा हो ।'
४. कृषक आदि लोगों का निवासस्थान ।
नगर - १. जिसमें कर नहीं लगता हो ।
२. जो राजधानी हो । *
प्रकरण में नगर और राजधानी दोनों का उल्लेख है। राजधानी हों या न हों । राजधानी वह होती है जहां निगम - व्यापारियों का गांव ।"
अर्थ- शास्त्र में राजधानी के लिए नगर या दुर्ग और साधारण कस्बों के लिए ग्राम शब्द प्रयुक्त हुआ है। प्रस्तुत इससे जान पड़ता है कि नगर बड़ी बस्तियों का नाम है, भले फिर वे से राज्य का संचालन होता है ।
राजधानी- १. वह बस्ती जहां राजा रहता हो । २. जहां राजा का अभिषेक हुआ हो । ३. जनपद का मुख्य नगर ।'
खेट - जिसके चारों ओर धूलि का प्राकार हो ।'
कर्बट - १. पर्वत का ढलान । "
२. कुनगर ।"
चूर्णिकार ने कुनगर का अर्थ किया- जहां क्रय-विक्रय न होता हो । १२
३. बहुत छोटा सन्निवेश । "
४. जिले का प्रमुख नगर ।"
५. वह नगर जहां बाजार हो । "
दसर्वकालिक की चूर्णियों में कर्बट का मूल अर्थ माया, कूटसाक्षी आदि अप्रामाणिक या अनैतिक व्यवसाय होता हो - किया है ।"
१. दशवेकालिक: एक समीक्षात्मक अध्ययन, पृष्ठ २२० ।
२. उत्तराध्ययनबृहद्वृत्ति पत्र ६०५ ।
३. (क) स्थानांगवृत्ति, पत्र ८२ :
नैतेषु करोऽस्तीति नकराणि ।
(ख) दशवैकालिकहा रिभद्री टीका, पत्र १४७ : नास्मिन् करो विद्यते इति नकरम् ।
(ग) निशीथचूर्णि भाग ३, पृष्ठ ३४७ : ण केरा जत्थ तं नगरं । (घ) उत्तराध्ययनबृहद्वृत्ति, पत्र ६०५ । ४. लोकप्रकाश, सर्ग ३१, श्लोक ६ : नगरे राजधानी स्यात् ।
५. (क) स्थानांगवृत्ति, पत्र ८२ :
निगमा: - वणिग्निवासाः । (ख) उत्तराध्ययनबृहद्वृत्ति, पत्र ६०५ :
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निगमयन्ति तस्मिन्ननेकविधभाण्डानीति निगमः ।
(ग) निशीथचूर्ण, भाग ३, पृष्ठ ३४६ : वर्णिय वग्गो जत्थ वसति तं णेगमं ।
६. निशीथचूर्णि भाग ३, पृष्ठ ३४६ :
जत्थ राया वसति सा रायहाणी ।
७. स्थानांगवृत्ति पत्र ८२-८३ :
स्थान २ : टि० १२५
राजधान्यो - यासु राजानोऽभिषिच्यन्ते ।
८. उत्तराध्ययनबृहद्वृत्ति, पत्र ६०५ ।
६. ( क ) निशीथचूर्णि भाग ३, पृष्ठ ३४६ :
खेड नाम धूलीपागार परिक्खित्तं ।
(ख) स्थानांवृत्ति, पत्र ८३
खेटानि - धूलिप्राकारोपेतानि । (ग) उत्तराध्ययनबृहद्वृत्ति, पत्र ६०५ ।
9. A Sanskrit English Dictionary, p. 259,
by Sir Monier Williams.
११. (क) निशीथचूर्णि भाग ३, पृष्ठ ३४६ :
कुण कव्व
(ख) स्थानांगवृत्ति, पत्र ८३ :
कटानि-कुनगराणि । १२. दशर्वकालिकजिन दासचूर्णि पृष्ठ ३६० । १३. ( क ) उत्तराध्ययनबृहद्वृत्ति पत्र ६०५ ।
(ख) दशवेकालिक हारिभद्रीटीका, पत्र २७५ । १४. A Sanskrit English Dictionary, p. 259,
by Sir Monier Williams. १५. दशर्वकालिक: एक समीक्षात्मक अध्ययन, पृष्ठ २२० । १६. जिनदासचूर्णि पृष्ठ ३६० ।
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