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ठाणं (स्थान)
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स्थान २: टि०५१
स्थानांग का है। स्थानांग में ज्ञान का वर्गीकरण इस प्रकार है
ज्ञान
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प्रत्यक्ष
परोक्ष
केवलज्ञान
नो-केवलज्ञान
अवधिज्ञान
मनःपर्यवज्ञान
भवप्रत्ययिक क्षायोपशमिक ऋजुमति विपुलमति
आभिनिबोधिक
श्रुतज्ञान
श्रुतनिश्रित
अश्रुतनिश्रित
अंग प्रविष्ट
अंगबाह्य
अर्थावग्रह व्यञ्जनावग्रह अर्थावग्रह व्यञ्जनावग्रह
आवश्यक
आवश्यक व्यतिरिक्त
कालिक
उत्कालिक
नंदी सूत्र में ज्ञान का वर्गीकरण इस प्रकार है
ज्ञान
प्रत्यक्ष
परोक्ष
इन्द्रिय प्रत्यक्ष
नो इन्द्रिय प्रत्यक्ष
श्रोनेन्द्रिय चक्षुरिन्द्रिय घ्राणेन्द्रिय रसनेन्द्रिय स्पर्शनेन्द्रिय
अवधिज्ञान
मनःपर्यवज्ञान
केवलज्ञान
भवप्रत्ययिक
क्षायोपशमिक ऋजुमति
विपुलमति
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