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ठाणं (स्थान)
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स्थान २ : सूत्र ३०९-३१५
सलागा-पुरिस-वंस-पदं शलाका-पुरुष-वंश-पदम्
शलाका-पुरुष-वंश-पद ३०६. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु जम्बूद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयोः ३०६. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो अरहंतवंसा एकसमये एकयुगे द्वौ अर्हवंशो में एक समय में एक युग में अरहंतों के उपज्जिसु वा उप्पज्जंति वा उदपदिषातां वा उत्पद्यते वा दो वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं उप्पज्जिस्संति वा। उत्पत्ष्येते वा।
और उत्पन्न होंगे। ३१०. जंबुद्दीवे दोवे भरहेरवएसु वासेसु जम्बूद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयोः ३१०. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो चक्कवट्टि- एकसमये एकयुगे द्वौ चक्रवत्ति वंशो में एक समय में एक युग में चक्रवतियों वंसा उप्पज्जिसु वा उप्पज्जति उदपदिषातां वा उत्पद्यते वा के दो वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं वा उप्पज्जिस्संति वा। उत्पत्प्येते वा।
और उत्पन्न होंगे। ३११.जबडीवे दीवे भरहेरवएस वासेस जम्बद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयोः ३११. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो दसारवंसा एकसमये एकयुगे द्वौ दसारवंशो में एक समय में एक युग में दसारों के उपज्जिस् वा उप्पज्जति वा उदपदिषातां वा उत्पद्यते व उत्पतष्येते दो वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं उप्पज्जिस्संति वा। वा।
और उत्पन्न होंगे।
सलागा-पुरिस-पदं शलाका-पुरुष-पदम्
शलाका-पुरुष-पद ३१२. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु जम्बूद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयोः ३१२. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो अरहंता एकसमये एकयुगे द्वौ अर्हन्तौ में एक समय में एक युग में दो अरहन्त उप्पज्जिसु वा उप्पज्जति वा उदपदिषातां वा उत्पद्यते वा उत्पत्ष्येते उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न उप्पज्जिस्संति वा। वा।
होंगे। ३१३. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु जम्बूद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयो: ३१३. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो चक्कवट्टी एकसमये एकयुगे द्वौ चक्रवत्तिनौ में एक समय में एक युग में दो चक्रवर्ती उप्पज्जिसु वा उप्पज्जंति वा उदपदिषातां वा उत्पद्यते वा उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उप्पज्जिस्संति वा। उत्पत्ष्येते वा।।
उत्पन्न होंगे। ३१४. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु जम्बूद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयो. ३१४. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो बलदेवा एकसमये एकयुगे द्वौ बलदेवौ में एक समय में एक युग में दो बलदेव उप्पज्जिसु वा उप्पज्जंति वा उदपदिषातां वा उत्पद्यते वा उत्पत्ष्येते उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न उप्पज्जिस्संति वा। वा।
होंगे। ३१५. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु जम्बूद्वीपे द्वीपे भरतैरवतयोः वर्षयोः ३१५. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र
एगसमये एगजुगे दो वासुदेवा एकसमये एकयुगे द्वौ वासुदेवौ में एक समय में एक युग में दो वासुदेव उपज्जिसु वा उप्पज्जंति वा उदपदिषातां वा उत्पद्येते वा उत्पत्ष्येते उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न उप्पज्जिस्संति वा।
होंगे।
वा।
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