________________
श. ८ : उ. १ सू. ५५-५८
५६. जइ मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए किं संमुच्छिममणुस्स - पंचिंदिय जाव परिणए ? गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए ?
गोयमा ! दोसु वि ।।
५७. जइ गब्भवक्कंतियमणुस्स जाव परिणए किं पज्जत्तागब्भवक्कंतिय अपज्जत्तागब्भ
जाव परिणए ? वक्कंतिय जाव परिणए?
गोयमा ! पज्जत्तागब्भवक्कंतिय जाव परिणए वा अपज्जत्ता- गब्भवक्कंतिय जाव परिणए वा ॥
५८. जइ
ओरालियमीसासरीरकायपयोगपरिणए किं एगिंदियओरालियमीसासरीर- कायपयोगपरिणए ? बेइंदिय जाव परिणए ? जाव पंचिंदियओरालिय जाव परिणए ?
गोयमा ! एगिंदियओरालियमीसासरीरकायपयोगपरिणए एवं जहा ओरालिय सरीरकायपयोग परिणएणं आलावगो भणिओ तहा ओरालियमीसासरीरकायपयोगपरिणएण वि आलावगो भाणियव्वो, नवरंबादरवाउक्काइय गब्भवक्कंतिय
पंचिंदियतिरिक्खजोणियगब्भवक्कंतियमस्साणं एएसिणं पज्जतापज्जत्तगाणं, सेसाणं अपज्जत्तगाणं ॥
Jain Education International
२२
यदि मनुष्यपञ्चेन्द्रिय यावत् परिणतः किं सम्मूर्छिममनुष्यपञ्चेन्द्रिय यावत् परिणतः ? गर्भावक्रान्तिकमनुष्य यावत् परिणतः ?
गौतम ! द्वयोरपि ।
यावत्
यदि गर्भावक्रान्तिकमनुष्य यावत् परिणतः किं पर्याप्तकगर्भावक्रान्तिक परिणतः ? अपर्याप्तकगर्भावक्रान्तिक यावत् परिणतः ?
गौतम! पर्याप्तकगर्भावक्रान्तिक यावत् परिणतः वा अपर्याप्तकगर्भावक्रान्तिक यावत् परिणतः वा ।
यदि औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणतः किम् एकेन्द्रिय औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणतः ? द्वीन्द्रिय यावत् परिणतः ? यावत् पञ्चेन्द्रिय औदारिक यावत् परिणतः ?
गौतम! एकेन्द्रिय औदारिकमिश्रशरीरकाय प्रयोगपरिणतः एवं यथा औदारिकशरीरकाय प्रयोगपरिणतेन आलापकः भणितः तथा औदारिकमिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणतेनापि आलापकः भणितव्यः नवरं - बादरवायु - कायिक- गर्भावक्रान्तिकपञ्चेन्द्रियतिर्यक् -योनिक गर्भावक्रान्तिकमनुष्याणाम्एतेषां पर्याप्तापर्याप्तकानां, शेषाणाम् अपर्याप्तकानाम् ।
For Private & Personal Use Only
भगवई
खेचर के चार-चार भेदों की
वक्तव्यता ।
५६. यदि मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीर-कायप्रयोगपरिणत है तो क्या संमूर्च्छिम मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत है? अथवा गर्भावक्रान्तिक मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकाय प्रयोगपरिणत है? गौतम! दोनों ही मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत है।
५७. यदि गर्भावक्रान्तिक मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत है तो क्या पर्याप्स गर्भावक्रान्तिक मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत हैं? अथवा अपर्याप्त गर्भावक्रान्तिक मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत है? गौतम! पर्याप्त गर्भावक्रान्तिक मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत है अथवा अपर्याप्त गर्भावक्रान्तिक मनुष्य पंचेन्द्रिय औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत है।
५८. यदि औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत है तो क्या एकेन्द्रिय औदारिक मिश्रशरीर कायप्रयोगपरिणत है? द्वीन्द्रिय औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत है? यावत् पंचेन्द्रिय औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत है? गौतम! एकेन्द्रिय औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत है। इस प्रकार जैसे औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत आलापक कहा गया है वैसे ही औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत का आलापक वक्तव्य है। केवल इतना विशेष है- बादर वायुकायिक, गर्भावक्रान्तिक पंचेन्द्रिय तिर्यक्योनिक और गर्भावक्रान्तिक मनुष्य- ये पर्याप्तक, अपर्याप्तक दोनों तथा शेष सभी केवल अपर्याप्तक होते हैं।
का
www.jainelibrary.org