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श. ९ : उ. ३१ : सू. ६०-६५
गोयमा !
होज्जा ॥
वइरोस भनारायसंघयणे
६१. से णं भंते! कयरम्मि संठाणे होज्जा ? गोयमा! छण्हं संठाणाणं अण्णयरे संठाणे होज्जा ॥
६२. से णं भंते! कयरम्मि उच्चत्ते होज्जा ?
गोयमा ! जहणणं सत्तरयणीए, उक्कोसेणं पंचधणुसतिए होज्जा ॥
६३. से णं भंते! कयरम्मि आउए होज्जा ? गोयमा! जहणेणं सातिरेगट्ट - वासाउए, उक्कोसेणं पुव्वकोडि - वाउए होज्जा ॥
६४. से णं भंते! किं सवेदए होज्जा ? अवेदए होज्जा ?
गोयमा ! सवेदए वा होज्जा, अवेदए वा होज्जा !
जड़ अवेदए होज्जा किं उवसंतवेदए होज्जा ? खीणवेदए होज्जा ? गोयमा ! नो उवसंतवेदए होज्जा, खीणवेदए होज्जा ।
जइ सवेदए होज्जा किं इत्थीवेदए होज्जा ? पुरिसवेदए होज्जा ? पुरिसनपुंसगवेदए होज्जा ?
गोयमा ! इत्थीवेदए वा होज्जा, पुरिसवेदए वा होज्जा, पुरिसनपुंसगवेदए वा होज्जा ॥
६५. से णं भंते! किं सकसाई होज्जा ? अकसाई होज्जा ?
गोयमा! सकसाई वा होज्जा, अकसाई वा होज्जा ।
जइ अकसाई होज्जा किं उवसंत कसाई होज्जा ? खीणकसाई होज्जा ?
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गौतम! वज्रऋषभनाराचसंहनने भवति ।
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स भदन्त ! कतरे संस्थाने भवति ? गौतम! षण्णां संस्थानानाम् अन्यतरे संस्थाने भवति ।
स भदन्त ! कतरे उच्चत्वे भवति?
गौतम! जघन्येन सप्तरत्नौ, उत्कर्षेण पञ्चधनुः शतके भवति ।
स भदन्त ! कतरे आयुष्के भवति ? गौतम! जघन्येन सातिरेकाष्टवर्षायुष्के, उत्कर्षेण पूर्वकोट्यायुष्के भवति ।
स भदन्त ! किं सवेदकः भवति? अवेदकः भवति ?
गौतम! सवेदकः वा भवति, अवेदकः वा भवति ।
यदि अवेदकः भवति किम् उपशान्तवेदकः भवति ? क्षीणवेदकः भवति? गौतम! नो उपशान्तवेदकः भवति, क्षीणवेदकः भवति ।
यदि सवेदकः भवति किं स्त्रीवेदकः भवति ? पुरुषवेदकः भवति ? पुरुष नपुंसकवेदकः भवति ?
गौतम! स्त्रीवेदकः वा भवति, पुरुषवेदकः वा भवति, पुरुष नपुंसकवेदकः वा भवति ।
१. सूत्र ६४
अश्रुत्वा पुरुष अवेद अवस्था में अवधिज्ञान उत्पन्न नहीं करतायह पूर्व सूत्र (९ / ४२ ) में बताया जा चुका है। श्रुत्वा पुरुष वेद को
भाष्य
१. भ. वृ. ० / ६४ - क्षीणवेदस्य चावधिज्ञानोत्पत्ताववेदकः सन्नयं स्यात् ।
स भदन्त ! किं सकषायी भवति ? अकषायी भवति?
गौतम! सकषायी वा भवति, अकषायी वा भवति ।
यदि अकषायी भवति किम् उपशान्तकषायी भवति ? क्षीणकषायी भवति ?
भगवई
गौतम ! वज्रऋषभनाराच संहनन वाला होता है।
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६१. भंते! वह किस संस्थान वाला होता है? गौतम! छह संस्थानों में से किसी एक संस्थान वाला होता है।
६२. भंते! वह कितनी ऊंचाई वाला होता है?
गौतम! जघन्यतः सात रत्नी, उत्कृष्टतः पांच सौ धनुष्य की ऊंचाई वाला होता है।
६३. भंते! वह किस आयु वाला होता है? गौतम! जघन्यतः कुछ अधिक आठ वर्ष, उत्कृष्टतः पूर्व कोटि आयु वाला होता है।
६४. भंते! वह वेद सहित होता है? वेद रहित होता है?
गौतम! वेद सहित भी होता है, वेद रहित भी होता है।
क्षीण कर अवेदक हो जाता है, उस अवस्था में अवधिज्ञान को उपलब्ध कर सकता है। "
यदि वेद रहित होता है तो उपशान्त वेद वाला होता है, क्षीण वेद वाला होता है? गौतम! उपशांत वेद वाला नहीं होता, क्षीण वेद वाला होता है।
यदि वेद सहित होता है तो क्या वह स्त्री वेद वाला होता है? पुरुष वेद वाला होता है ? पुरुषनपुंसक वेद वाला होता है? गौतम! स्त्री वेद वाला भी होता है, पुरुष वेद वाला भी होता है, पुरुषनपुंसक वेद वाला भी होता है।
६५. भंते! क्या वह कषाय सहित होता है? कषाय रहित होता है?
गौतम! वह कषाय सहित भी होता है, कषाय रहित भी होता है।
यदि कषाय रहित होता है तो क्या उपशांत कषाय वाला होता है, क्षीण कषाय वाला होता है ?
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