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भगवई
श.८ : उ.८ : सू. ३०२-३०४
बंध-पदं ३०२. कतिविहे णं भंते! बंधे पण्णत्ते?
बन्ध-पदम् कतिविधः भदन्त ! बन्धःप्रज्ञप्तः?
बंध पद ३०२. भंते! बंध कितने प्रकार का प्रज्ञप्त
गोयमा! दुविहे बंधे पण्णत्ते, तं गौतम ! द्विविधः बन्धः प्रज्ञप्तः, तद् यथाजहा-इरियावहियबंधे य,संपराइय-बंधे ईपिथिकबन्धश्च, साम्परायिकबन्धश्च।
गौतम ! बंध दो प्रकार का प्रज्ञप्त है, जैसेऐपिथिक बंध, सांपरायिक बंध।
इरियावहियबंध-पदं
ईर्यापथिकबन्ध-पदम्३०३. इरियावहियं णं भंते! कम्मं किं ने ईर्यापथिकं भदन्त ! कर्म किं नैरयिकः रइओ बंधइ? तिरिक्ख-जोणिओ बध्नाति? तियग्योनिकः बध्नाति? बंधइ? तिरिक्खजोणिणी बंधइ? तिर्यग्योनिका बध्नाति? मनुष्यः बध्नाति? मणुस्सो बंधइ? मणुस्सी बंधइ? देवो मानुषी बध्नाति? देवः बध्नाति? देवी बंधइ? देवी बंधइ?
बध्नाति? गोयमा! नो नेरइओ बंधइ, नो गौतम! नो नैरयिकः बध्नाति. नो तिरिक्खजोणिओ बंधइ, नो तिरिक्ख- तिर्यगयोनिकः बध्नाति. नो तिर्यगयोनिका जोणिणी बंधइ, नो देवो बंधइ, नो देवी बध्नाति, नो देवः बध्नाति, नो देवी बंधइ। पुव्व पडिवन्नए पडुच्च मणुस्सा य बध्नाति। पूर्वप्रतिपन्नकान् प्रतीत्य मणुस्सीओ य बंधति, पडिवज्ज-माणए मनुष्याश्च मनुष्यश्च बध्नन्ति, प्रतिपद्यपडुच्च १. मणुस्सो वा बंधइ २. मणुस्सी मानकान् प्रतीत्य १. मानुष्यो वा बध्नाति वा बंधइ ३. मणुस्सा वा बंधंति ४. २. मानुषी वा बध्नाति ३. मनुष्याः वा मणुस्सीओ वा बंधति ५. अहवा मणुस्सो बध्नन्ति ४. मानुष्यः वा बध्नन्ति य मणुस्सी य बंधइ ६. अहवा मणुस्सो ५. अथवा मनुष्यश्च मानुषी च बध्नाति य मणुस्सीओ य बंधंति ७. अहवा ६. अथवा मनुष्यश्च मानुष्यश्च बध्नन्ति मणुस्सा य मणुस्सी य बंधति ८. अहवा ७. अथवा मनुष्याश्च मानुषी च बध्नन्ति मणुस्सा य मणुस्सीओ य बंधति॥ ८. अथवा मनुष्याश्च मानुष्यश्च बध्नन्ति।
ऐर्यापथिक बंध-पद ३०३. भंते! ऐयापथिक कर्म का बंध क्या नैरयिक करता है? तिर्यकयोनिक करता है? तिर्यकयोनिक स्त्री करती है ? मनुष्य करता है? स्त्री करती है ? देव करता है? देवी करती है? गौतम ! नैरयिक बंध नहीं करता, तिर्यकयोनिक बंध नहीं करता, तिर्यकयोनिक स्त्री बंध नहीं करती, देव बंध नहीं करता, देवी बंध नहीं करती। पूर्व प्रतिपन्न की अपेक्षा मनुष्य और मनुष्य-स्त्रियां बंध करती है। १. प्रतिपद्यमान की अपेक्षा मनुष्य बंध करता है २. अथवा मनुष्य स्त्री बंध करती है ३. मनुष्य बंध करते हैं ४. मनुष्य स्त्रियां बंध करता हैं ५. अथवा मनुष्य और मनुष्य स्त्री बंध करता है ६. अथवा मनुष्य और मनुष्य स्त्रियां बंध करती हैं 9. अथवा मनुष्य (अनेक) और मनुष्य स्त्री बंध करती है, ८. अथवा मनुष्य (अनेक) और मनुष्य स्त्रियां बंध करती है।
३०४. तं भंते! किं इत्थी बधंइ? पुरिसो तत् भदन्त ! किं स्त्री बध्नाति? पुरुषः बंधइ? नपुंसगो बंधइ? इत्थीओ बध्नाति? नपुंसकः बध्नाति? स्त्रियः बंधति? पुरिसा बंधंति? नपुंसगा बध्नन्ति? पुरुषाः बध्नन्ति? नपुंसकाः बंधति? नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसगो बध्नन्ति? नो स्त्री नो पुरुषः नो नपुंसकः बंधइ?
बध्नाति?
गोयमा! नो इत्थी बंधइ, नो पुरिसो गौतम! नो स्त्री बध्नाति, नो पुरुषः बंधइ, नो नपुंसगो बंधइ, नो इत्थीओ बध्नाति, नो नपुंसकः बध्नाति, नो स्त्रियः बंधंति, नो पुरिसा बंधंति, नो नपुंसगा बध्नन्ति, नो पुरुषाः बध्नन्ति, नो बंधति, नोइत्थी नोपुरिसो नोनपुंसगो नपुंसकाः बध्नन्ति, नो स्त्री नो पुरुषः नो बंधइ-पुव-पडिवन्नए पडुच्च अवगय- नपुंसकः बध्नाति-पूर्व-प्रतिपन्नकान् वेदा बंधंति, पडिवज्जमाणए पडुच्च प्रतीत्य अपगतवेदाः बध्नन्ति, प्रतिपद्यअवगयवेदो वा बंधइ अवगयवेदा वा मानकान् प्रतीत्य अपगतवेदः वा बध्नाति बंधंति॥
अपगतवेदाः वा बध्नन्ति।
३०४. भंते ! क्या स्त्री बंध करती है ? पुरुष बंध करता है? नपुंसक बंध करता है? क्या स्त्रियां बंध करती हैं? पुरुष बंध करते हैं? नपुंसक बंध करते हैं? क्या नो स्त्री, नो पुरुष और नो नपुंसक बंध करता है? गौतम ! स्त्री बंध नहीं करती, पुरुष बंध नहीं करता, नपुंसक बंध नहीं करता, स्त्रियां बंध नहीं करती, पुरुष बंध नहीं करते, नपुंसक बंध नहीं करते, नो स्वी नो पुरुष और नो नपुंसक बंध करता है-पूर्व प्रतिपन्न की अपेक्षा वेद रहित बंध करते हैं, प्रतिपद्यमान की अपेक्षा वेद रहित बंध करता है अथवा वेद रहित बंध करते हैं।
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