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________________ श. ८ : उ. ५ : सू. २४० १. सूत्र २३६- २४० प्रस्तुत आलापक में श्रमणोपासक के प्रत्याख्यान विधि के विकल्पों का निरूपण किया गया है। महावीर के श्रमणोपासक इन विधि विकल्पों का अनुपालन करते थे। निष्कर्ष में कहा गया है कि आजीवक के उपासक ऐसी विधि का अनुपालन नहीं करते थे। प्रत्याख्यान के तीन भंग हैं विकल्प ? २ ३ ४ ६ करण योग 3 ३ Jain Education International ३ Ο २ 3 भंग । १ ३ ३ ३ ८८ भाष्य १. भ. वृ. ८२३०-२४० अतीतकालकृतं प्राणातिपातं प्रतिक्रामति ततो निन्दाद्वारेण निवर्त्तत इत्यर्थः पडुप्पन्नं वर्तमानकालीनं प्राणानिपातं संवृणोति १. अतीत का प्रतिक्रमण - प्रत्याख्यान करने वाला व्यक्ति अतीत में किए गए प्राणातिपात आदि से अपना निवर्तन करता है। २. प्रत्युत्पन्न का संवरण वह वर्तमान काल में प्राणातिपात आदि का संबर करता है, उसका आचरण नहीं करता। अतीत के प्रतिक्रमण के उनपचास भंग प्रत्याख्यान के ४९ भंगों का विवरण करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, वचन से. काया से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, वचन से। करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, काया से। करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं वचन से, काया से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं वचन से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं काया से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं मन से, वचन से, काया से। करूंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, वचन से काया से। कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, वचन से। करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं मन से, वचन से काया से। करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं मन से, काया से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं वचन से काया से । करूंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, वचन से । करूंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, काया से । करूंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं वचन से, काया से। कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, वचन से। कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं मन से, काया से । कराऊंगा नहीं, अनुमोदूंगा नहीं वचन से, काया से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं मन से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं वचन से । करूंगा नहीं, कराऊंगा नहीं काया से। करूंगा नहीं अनुमोदूंगा नहीं मन से । करूंगा नहीं अनुमोदूंगा नहीं वचन से। करूंगा नहीं अनुमोदूंगा नहीं काया से । कराऊंगा नहीं अनुमोदूंगा नहीं मन से । कराऊंगा नहीं अनुमोदूंगा नहीं वचन से । कराऊंगा नहीं अनुमोदूंगा नहीं काया से । भगवई ३. अनागत का प्रत्याख्यान- भविष्य में नहीं करूंगा, ऐसी प्रतिज्ञा करता है। देखें तालिका न करोतीत्यर्थः अनागतं भविष्यत्कालविषयं प्रत्याख्याति न करिष्यामीत्यादि प्रतिजानीते। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003595
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages600
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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