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________________ श.८ : उ.५ : सू. २३७ ८६ भगवई कायसा १६. अहवा न करेइ, करेंतं मनसा वचसा १८. अथवा न कारयति, नाणु-जाणइ वयसा कायसा १७. अहवा कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा कायेन १९. न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ मणसा अथवा न कारयति, कुर्वन्तं नानुजानाति वयसा १८. अहवा न कारवेइ, करेंतं ।। नाणुजाणइ मणसा कायसा १९. अहवा २०. द्विविधम् एकविधेन प्रतिक्रामन् न न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा करोति, न कारयति मनसा २१. अथवा न कायसा। २०. दुविहं एक्कविहेणं करोति, न कारयति वचसा २२. अथवा न पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेइ करोति, न कारयति कायेन २३. अथवा न मणसा २१. अहवा न करेइ, न कारवेइ करोति, कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा २४. वयसा २२. अहवा न करेइ, न कारवेइ अथवा न करोति, कुर्वन्तं नानुजानाति कायसा २३. अहवा न करेइ, करेंतं वचसा २५. अथवा न करोति, कुर्वन्तं नाणुजाणइ मणसा २४. अहवा न करेइ, नानुजानाति कायेन २६. अथवा न करेंतं नाणुजाणइ वयसा २५. अहवा न कारयति, कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा २७. करेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा २६. अथवा न कारयति, कुर्वन्तं नानुजानाति अहवा न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ । वचसा २८. अथवा न कारयति, कुर्वन्तं मणसा २७. अहवा न कारवेइ, करेंतं नानुजानाति कायेन। २९. एकविधं त्रिविधेन नाणुजाणइ वयसा २८. अहवा न । प्रतिक्रामन् न करोति, मनसा वचसा कायेन कारखेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा। ३०. अथवा न कारयति मनसा, वचसा, २९. एगविहं तिविहेणं पडिक्कम-माणे न कायेन ३१. अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति करेइ, मणसा वयसा कायसा ३०. मनसा, वचसा, कायेन। ३२. एकविधं अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा। द्विविधेन प्रतिक्रामन् न करोति मनसा, ३१. अहवा करत नाणुजाणइ मणसा वचसा ३३. अथवा न करोति मनसा वयसा कायसा। कायेन, ३४ अथवा न करोति वचसा, ३२. एक्कविहं दुविहेणं पडिक्कम-माणे कायेन ३५ अथवा न कारयति मनसा वचसा न करेइ मणसा वयसा ३३. अहवा न ३६. अथवा न कारयति मनसा कायेन ३७. करेइ मणसा कायसा ३४. अहवा न अथवा न कारयति वचसा कायेन ३८ करेइ वयसा कायसा ३५. अहवा न अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा वचसा कारवेइ मणसा वयसा ३६. अहवा न । ३९. अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति मनसा कारवेइ मणसा कायसा ३७. अहवा न कायेन १०. अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति कारवेइ वयसा कायसा ३८. अहवा वचसा कायेन। ४१. एकविधम् एकविधेन करेंतं नाणुजाणइ मणसा वयसा ३९. प्रतिक्रामन् न करोति मनसा ४२. अथवा न अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा कायसा करोति वचसा ४३. अथवा न करोति कायेन ४०. अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा ४४ अथवा न कारयति मनसा ४५. अथवा कायसा। न कारयति वचसा ४६ अथवा न कारयति ४१. एगविहं एगविहणं पडिक्कम-माणे कायेन ४७. अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति न करेइ मणसा ४२. अहवा न करेइ मनसा ४८. अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति वयसा ४३. अहवा न करेइ कायसा ४४. वचसा ४९. अथवा कुर्वन्तं नानुजानाति अहवा न कारवेइ मणसा ४५. अहवा न कायेन। कारवेइ वयसा ४६. अहवा न कारवेइ कायसा ४७. अहवा करेंतं नाणुजाणइ मणसा ४८. अहवा करेंतं नाणुजाणइ वयसा ४९. अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा॥ है, न करवाता है मन से, वचन से १२. अथवा न करता है न करवाता है मन से, काया से १३. अथवा न करता है न करवाता है वचन से, काया से १४. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से, वचन से १५. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से, काया से १६. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है वचन से, काया से १७. अथवा न करवाता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से, वचन से १८. अथवा न करवाता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है, मन से, काया से १९. अथवा न करवाता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है वचन से, काया से २०. दो योग एक करण से प्रतिक्रमण करने वाला न करता है, न करवाता है मन से २१. अथवा न करता है, न करवाता है वचन से २२. अथवा न करता है, न करवाता है काया से। २३. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से २४. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है वचन से २५. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है काया से २६. अथवा न करवाता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से २७. अथवा न करवाता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है वचन से, २८. अथवा न करता है, न करने वाले का अनुमोदन करता है काया से २९. एक योग तीन करण से प्रतिक्रमण करने वाला न करता है मन से, वचन से, काया से, ३०. अथवा न करवाता है मन से, वचन से, काया से, ३१. अथवा न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से, वचन से, काया से, ३२. एक योग का दो करण से प्रतिक्रमण करने वाला न करता है मन से, वचन से ३३. अथवा न करता है मन से काया से ३४. अथवा न करता है वचन से, काया से, ३५. अथवा न करवाता है मन से, वचन से ३६. अथवा न करवाता है मन से, काया से ३७. अथवा न करवाता है वचन से, काया से ३८. अथवा न करने वाले का अनुमोदन करता है मन से, वचन For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003595
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages600
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size15 MB
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