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चउत्थो उद्देसो : चौथा उद्देशक
मूल
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद
भाविअप्प-पदं
भावितात्म-पदम्
भावितात्म-पद १५४. अणगारे णं भंते! भाविअप्पा देवं अनगारो भदन्त! भावितात्मा देवं वैक्रिय- १५४. 'भन्ते! भावितात्मा अनगार वैक्रिय समुद्घात देउब्वियसमुग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं समुद्घातेन समवहतं यानरूपेण यान्तं से समवहत वैक्रिय विमान में बैठकर जाते हुए जामाणं जाणइ-पासइ? जानाति-पश्यति?
देव को क्या जानता-देखता है? गोयमा! १. अत्येगइए देवं पासइ, नो गौतम! १. अस्त्येककः देवं पश्यति, नो यानं गौतम! १. कोई अनगार देव को देखता है, विमान जाणं पासइ। २. अत्थेगइए जाणं पासइ, पश्यति। २. अस्त्येककः यानं पश्यति, नो को नहीं देखता। २. कोई अनगार विमान को नो देवं पासइ। ३. अत्थेगइए देवं पि देवं पश्यति। ३. अस्त्येककः देवमपि पश्यति, देखता है, देव को नहीं देखता। ३. कोई अनगार पासइ, जाणं पि पासइ। ४. अत्थेगइए यानमपि पश्यति। ४. अस्त्येककः नो देवं देव को भी देखता है, विमान को भी देखता नो देवं पासइ, नो जाणं पासइ ॥ पश्यति, नो यानं पश्यति।
है। ४. कोई अनगार न देव को देखता है और न विमान को देखता है।
१५५. अणगारे णं भंते! भाविअप्पा देविं अनगारो भदन्त! भावितात्मा देवीं वैक्रिय- १५५. भन्ते! भावितात्मा अनगार वैक्रिय समुद्घात वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहयं जाणरूवेणं समुद्घातेन समवहतं यानरूपेण यान्तीं से समवहत वैक्रिय विमान में बैठकर जाती हुई जामाणिं जाणइ-पासइ? जानाति-पश्यति?
देवी को क्या जानता-देखता है? गोयमा! १. अत्थेगइए देविं पासइ, नो गौतम! १. अस्त्येककः देवीं पश्यति, नो यानं गौतम! १. कोई अनगार देवी को देखता है, जाणं पासइ। २. अत्थेगइए जाणं पासइ, पश्यति। २. अस्त्येककः यानं पश्यति, नो विमान को नहीं देखता। २. कोई अनगार विमान नो देविं पासइ। ३. अत्थेगइए देवि पि देवीं पश्यति। ३. अस्त्येककः देवीमपि पश्यति, को देखता है, देवी को नहीं देखता। ३. कोई पासइ, जाणं पि पासइ। ४. अत्थेगइए यानमपि पश्यति। ४. अस्त्येककः नो देवीं अनगार देवी को भी देखता है, विमान को भी नो देविं पासइ, नो जाणं पासइ॥ पश्यति, नो यानं पश्यति।
देखता है। ४. कोई अनगार न देवी को देखता है और न विमान को देखता है।
१५६. अणारे णं मंते! भाविअप्पा देवं अनगारो भदन्त! भावितात्मा देवं सदेवीकं १५६. भन्ते! भावितात्मा अनगार वैक्रिय समुद्घात सदेवीअं वेउव्वियसमुग्धाएणं समोहयं वैक्रियसमुद्घातेन समवहतं यानरूपेण यान्तं से समवहत वैक्रिय विमान में बैठकर जाते हुए जाणरूवेणं जामाणं जाणइ-पासइ? जानाति-पश्यति?
देवी-सहित देव को क्या जानता-देखता है? गोयमा! १. अत्थेगइए देवं सदेवीअं पासइ, गौतम! १. अस्त्येककः देवं सदेवीकं पश्यति, गौतम! कोई अनगार देवी-सहित देव को देखता नो जाणं पासइ। २. अत्येगइए जाणं नो यानं पश्यति। २. अस्त्येककः यानं पश्य- है, विमान को नहीं देखता। २. कोई अनगार पासइ, नो देवं सदेवीअं पासइ। ३. ति, नो देवं सदेवीकं पश्यति। ३. अस्त्येककः विमान को देखता है, देवी-सहित देव को नहीं अत्थेगइए देवं सदेवीअं पि पासइ, जाणं देवं सदेवीकमपि पश्यति, यानमपि पश्यति।। देखता। ३. कोई अनगार देवी-सहित देव को पि पासइ। ४. अत्थेगइए नो देवं सदेवीअं ४. अस्त्येककः नो देवं सदेवीकं पश्यति, नो भी देखता है, विमान को भी देखता है। ४. पासइ, नो जाणं पासइ ॥ यानं पश्यति।
कोई अनगार न देवी-सहित देव को देखता है और न विमान को देखता है।
१५७. अणगारे णं भंते ! भाविअप्पा रुक्खस्स किं अंतो पासइ? बाहिं पासइ?
अनगारो भदन्त! भावितात्मा रूक्षस्य किम् १५७. भन्ते! भावितात्मा अनगार क्या वृक्ष के अन्तः पश्यति? बहिः पश्यति?
अन्तर्वर्ती भाग को देखता है? बहिर्वर्ती भाग को देखता है?
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