________________
भगवई
लवणादिसमुद्द-पदं
१५५. लवणे णं भंते! समुद्दे किं उस्सिओदए ? पत्थsोदए ? खुभियजले ? अखुभियजले ?
गोयमा ! लवणे णं समुदे उस्सिओदए नो पत्थडोदए, खुभियजले, नो अखुभियजले ॥
१५६. जहा णं भंते! लवणसमुद्दे उस्सिओदए, नो पत्थडोदर खुभयजले, नो अभियजले; तहाणं बाहिरगा समुद्दा किं उस्सिओ दगा? पत्थढोदगा? खुभियजला? अभियजला?
गोयमा ! बाहिरगा समुद्दा जो उस्सिओदगा, पत्थडोदगा नो खुभिजला, अनुभियजला पुण्णा पुण्णप्पमाणा वोलवट्टमाणा वोसट्टमाणा समरघडत्ता चिट्ठति ॥
१५७. अत्थि णं भंते! लवणसमुद्दे बहवे ओराला बलाहया संयंति ? संमुच्छंति ? वासं वासंति? हंता अत्थि ॥
१५८. जहा पं भंते! लवणसमुद्दे बहवे ओराला बलाया संसेयंति, संमुच्छंति, वासं वासंति, तहाणं बाहिरगेसु वि समुदेसु बहवे ओ राला बलाहवा संसेति संमुच्छंति? वासं वासंति?
Jain Education International
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवाणं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं
जीवा णं भंते! किं जीवा णं भंते! किं
३०५
लवणादिसमुद्र-पदम्
लवण: भदन्त ! समुद्रः किं उच्छ्रितोदकः ? प्रस्तृतोदकः? क्षुभितजलः ? अक्षुभितजलः ?
गौतम ! लवण समुद्रः उच्छ्रितोदकः, नो प्रस्तृतोदकः, क्षुभितजलः, नो अक्षुभितजलः ।
"
यथा भदन्त ! लवणसमुद्रः उच्छ्रितोदकः नो प्रस्तृतोदकः, क्षुभितजलः, नो अक्षुभितजल:, तथा बाह्यकाः समुद्राः किं उच्छ्रितोदकाः? प्रस्तृतोदकाः? क्षुभितजला ? अक्षुभितजला: ?
गौतम बाह्यकाः समुद्राः नो उच्छ्रितोदकाः, ! प्रस्तृतोदकाः, नो क्षुभितजला:, अक्षुभितजला: पूर्णाः पूर्णप्रमाणाः, व्यपलोटन्तः विकसन्तः समभरघटतया तिष्ठन्ति ।
अस्ति भदन्त ! लवणसमुद्रे बहव: 'ओराला' बलाहकाः संस्विद्यन्ति ? सम्मूर्च्छन्ति ? वर्षां वर्षन्ति ? हन्त अस्ति
दथा भदन्त ! लवणसमुद्रे बहवः 'ओराला' बलाहकाः संस्विद्यन्ति, सम्मूर्च्छन्ति, वर्षां वर्षन्ति तथा बाह्यकेषु अपि समुद्रेषु बहवः 'ओराला' बलाहकाः संस्विद्यन्ति ? सम्मूचर्च्छन्ति? वर्षा वर्षान्ति?
४७. ओगाहणानामगोयनिउत्ता?
४९. पएसनामनिहत्ता ?
५१. पएसनामनिउत्ता ?
५३. पएसगोयनिहत्ता ?
५५. पएसगोयनिउत्ता ?
५७. पएसनामगोयनिहत्ता?
५९. पएसनामगोयनिउत्ता?
६१.
६३. अणुभागनामनिउत्ता?
६५. अणुभागगोयनिहत्ता ?
६७. अणुभागगोयनिउत्ता?
६९. अणुभागनामगोयनिहत्ता ?
७१. अणुभागनामगोयनिउत्ता?
For Private & Personal Use Only
श. ६ : उ. ८ : स. १५५-१५८
लवणादि समुद्र-पद
१५५. भंते! क्या लवण समुद्र ऊंचे जलस्तर वाला है ? सम जलस्तर वाला है? क्षुब्ध जल वाला है? अक्षुब्ध जल वाला है?
गौतम ! लवण समुद्र ऊंचे जलस्तर वाला है, सम जलस्तर वाला नहीं है। क्षुब्ध जल वाला है, अक्षुब्ध जल वाला नहीं है।
१५६. भंते । जिस प्रकार लवण समुद्र ऊंचे जलस्तर वाला है, सम जलस्तर वाला नहीं है, क्षुब्ध जल वाला है, अक्षुब्ध जल वाला नहीं है। उसी प्रकार अढ़ाई द्वीप से बहिर्वर्ती समुद्र क्या ऊंचे जलस्तर वाले हैं? सम जलस्तर वाले हैं? क्षुब्ध जल वाले हैं? अन्य जल वाले हैं?
गौतम अढ़ाई द्वीप से बहिर्वर्ती समुद्र ऊंचे जलस्तर वाले नहीं हैं, सम जलस्तर वाले हैं। क्षुब्ध जल वाले नहीं है, अक्षुब्ध जल वाले हैं। वे जल से भरे हुए, परिपूर्ण, छलकते हुए, हिलोरे लेते हुए, चारों ओर से जलजलाकार हो रहे हैं।
१५७. भन्ते ! लवण समुद्र में क्या अनेक बड़े घ संस्विन्न होते हैं? सम्मूर्च्छित होते हैं? बरसते हैं?
हाँ, ऐसा होता है।
१५८. भन्ते ! जिस प्रकार लवण समुद्र में अनेक बड़े मेघ संस्विन्न होते हैं, सम्मूर्च्छित होते हैं, बरसते हैं, उसी प्रकार अढ़ाई द्वीप से बहिर्वर्ती समुद्रों में भी अनेक बड़े मेघ संस्विन होते हैं? सम्मूर्च्छित होते हैं? बरसते हैं?
४८. ओगाहणानामगोयनिउत्ताउया?
५०. पएसनामनिहत्ताउया?
५२. पएसनामनिउत्ताउया?
५४. गएसगोयनिहत्ताउया?
५६. पएसगोयनिउत्ताउया?
५८. पएसनामगोयनिहत्ताउया?
६०. पएसनामगोयनिउत्ताउया?
६२. अणुभागनामनिहत्ताउया? ६४. अणुभागनामनिउत्ताउया? ६६. अणुभागगोयनिहत्ताउया? ६८. अभागगोयनिउत्ताउया?
७०. अणुभागनामगोयनिहत्ताउया?
७२. अमावा?
www.jainelibrary.org