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________________ नवमो उद्देसो : नवां उद्देशक मूल संस्कृत छाया हिन्दी अनुवाद किमिदं रायगिह-पदं किमिदं राजगृह-पदम् “यह कौन राजगृह" का पद २३५. तेणं कालेणं तेणं समएणं जाव एवं तस्मिन् काले तस्मिन् समये यावद् २३५. उस काल और उस समय राजगृह नाम का वयासी-किमिदं भंते ! नगरं रायगिहं ति एवमवादीत्-किमिदं भदन्त ! नगरं नगर था यावत् गौतम स्वामी ने इस प्रकार कहापवुच्चइ? किं पुढवी नगरं रायगिह ति राजगृहम् इति प्रोच्यते? किं पृथिवी नगरं भन्ते ! यह कौन राजगृह नगर कहलाता है? क्या पृथ्वी पवुच्चइ? किं आऊ नगरं रायगिह ति राजगृहम् इति प्रोच्यते? किं आप: नगरं राजगृह नगर कहलाती है? क्या जलात्मक नगर पवुच्चइ? किं तेऊ वाऊ वणस्सई नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? किं तेजांसि राजगृह कहलाता है? क्या अग्नि, वायु और वनरायगिह ति पवुच्चइ? किं टंका कूडा सेला वायवः वनस्पतय: नगरं राजगृहम् इति स्पत्यात्मक नगर राजगृह कहलाता है? क्या टंक, कूट, सिहरी पन्भारा नगरं रायगिह ति पवुच्चइ? प्रोच्यते? किं टड्स: कूटा: शैला: शिखरिण: शैल, शिखरी और प्रारभारात्मक नगर राजगृह किं जल-थल-बिल-गुह-लेणा नगरं राय- प्राग्भारा: नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? किं कहलाता है? क्या जल, स्थल, बिल, गुफा और गिहं ति पवुच्चइ? किं उन्झर-निज्झर- जल-स्थल-बिल-गुहा-लयानानि नगरं लयनात्मक नगर राजगृह कहलाता है? क्या उज्झर, चिल्लल-पल्लल-वप्पिणा नगरं रायगिह ति राजगृहम् इति प्रोच्यते? किम् उज्झर- निर्झर, तलैया, जल का छोटा गड्ढा और जलपवुच्चइ? किं अगड-तडाग-दह-नईओ निर्झर- 'चिल्लल'-पल्वल-वप्पिणा' प्रणाली-रूप नगर राजगृह कहलाता है? क्या कुंआ, वावी-पुक्खरिणी-दीहिया गुंजालिया सरा नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? किम् अगड - तालाव, हृद, नदी, बावडी, पुष्करिणी, नहर, सरपंतियाओ सरसरपंतियओ बिलपंति- -तडाग-द्रह-नद्यः वापी-पुष्करिणी- वक्राकार नहर, सर, सरपंक्ति, सरसरपंक्ति, बिलपंक्तियाओ नगरं रायगिहं ति पवुच्चइ? किं दीर्घिका: गुञ्जालिका: सरांसि सर:- रूप नगर राजगृह कहलाता है? क्या आराम, उद्यान, आरामुज्जाण-काणणा वणा वणसंडा पंक्तिका: सरस्सर:पंक्तिका: बिलपंक्तिका: कानन, वन, वनषंड और वनराजि-रूप नगर राजगृह वणराईओ नगरं रायगिहं ति पवुच्चइ? किं नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? किम् कहलाता है? क्या देवल, सभा, प्रपा, स्तूप, खाई देवउल-सभ-पव-थूभ-खाइय-परिखाओ आरामोद्यान-काननानि वनानि वनषण्डानि और परिखात्मक नगर राजगृह कहलाता है? क्या नगरं रायगिहं ति पवुच्चइ? किं पागार- वनराजयः नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? प्राकार, अट्टालक, चरिका, द्वार और गोपुरात्मक नगर -अट्टालग-चरिय-दार-गोपुरा नगरं रायगिह किं देवकुल-सभा-प्रपा-स्तूप-खाति- राजगृह कहलाता है? क्या प्रासाद, घर, शरण, लयन ति पवुच्चइ? किं पासाद-घर-सरण-लेण- का-परिखा: नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? और आपण-रूप नगर राजगृह कहलाता है? क्या -आवणा नगरं रायगिहं ति पवुच्चइ? किं किं प्राकाराट्टालक-चरिका-द्वार-गोपुराणि दुराहे, तिराहे, चौराहे, चौक, चोहट्टे महापथ और सिंघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउम्मुह- नगरं राजगृहम् इति प्रोच्यते? किं प्रासाद- पथात्मक नगर राजगृह कहलाता है? क्या शकट, -महापह-पहा नगरं रायगिह ति पवुच्च- -गृह-शरण-लयनापणा: नगरं राजगृहम् रथ,यान, युग्य, डोली, बग्घी, शिविका और स्यन्दइ? किं सगड-रह-जाण-जुग्ग-गिल्लि- इति प्रोच्यते? किं शृङ्गाटक-त्रिक-चतुष्क मानिका-रूप नगर राजगृह कहलाता है? क्या तवा, थिल्लि-सीय-संदमाणियाओ नगर राय- -चत्वर-चतुर्मुख-महापथ-पथाः नगरं लोह, कटाह और करछी-रूप नगर राजगृह कहलाता गिह ति पवुच्चई? किं लोही-लोहकडाह- राजगृहम् इति प्रोच्यते? किं शकट-रथ- है? क्या भावनात्मक नगर राजगृह कहलाता है? -कडुच्छया नगरं रायगिहं ति पवुच्चइ? किं -यान-युग्य-गिल्ली'-'थिल्लि'-शिविका- क्या देव, देवी, मनुष्य-मानुषी, नर-तिर्यञ्च और भवणा नगरं रायगिह ति पवुच्चइ? किं देवा -स्यन्दमानिका: नगरं राजगृहम् इति प्रो- स्त्री-तिर्यञ्च-रूप नगर राजगृह कहलाता है? क्या देवीओ मणुस्सा मणुस्सीओ तिरिक्ख- च्यते? किं लौही-लोहकटाह-'कडुच्- आसन, शयन, स्तम्भ, भाण्ड, सचित्त, अचित्त और Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003594
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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