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भगवई
५. देसेहिं देसे फुसइ ६. देसेहिं सव्वं फुसइ ७. सव्वेणं - देस - फुसइ ८. सव्वेणं देसे फुसह ९ सव्वेणं सव्वं फुस ?
गोयमा १. नो देसेणं देस फुस २. नो देसेणं देसे फुसइ ३. नो देसेणं सव्वं फुसइ ४. नो देसेहिं देसं फुसइ ५. नो देसेहिं देसे फुसइ ६. नो देखेहिं सव्वं फुसइ ७. नो सव्वेणं देतं फुस ८. नो सन्वेणं देसे फुस ९ सव्वेणं सव्वं फुसइ ॥
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परमाणुपोगले तिप्पएसियं फुसमाणे निप च्छिमहिं तिहिं फुस
१६६. परमाणुयोग्गले दुप्पएसिवं फुलमाणे परमाणुपुद्गलः द्विप्रदेशिकं स्पृशन् सप्तम सत्तम णवमेहिं फुसइ । -नवमाभ्यां स्पृशति
जहा परमाणुपोगले तिप्पएसियं फुसाविओ एवं फुसावेयव्वो जाव अणतपएसिओ ॥
१६७. दुप्पएसिए णं भंते! खंधे परमाणुपोग्गलं फुसमाणे किं देसेणं देस फुस ? पुच्छा
ततिय-नवमेहिं फुसइ ।
दुप्पएसओ दुप्पएसियं फुसमाणे पढम- ततिय-सत्तम-नवमेहिं फुसइ ।
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६. देशैः सर्वं स्पृशति ७. ६. देश सर्व स्पृशति ७. सर्वेण देशं स्पृशति ८. सर्वेण देशान् स्पृशति ९ सर्वेण सर्व
स्पृशति ?
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गौतम ! १. नो देशेन देशं स्पृशति २. नो देशेन देशान् स्पृशति ३. नो देशेन सर्वं स्पृशति ४. नो देश : देशं स्पृशति ५. नो देश देशान् स्पृशति ६. नो देशे सर्व स्पृशति ७. नो सर्वेण देशं स्पृशति ८. नो सर्वेण देशान् स्पृशति ९. सर्वेण सर्व स्पृशति ।
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परमाणुपुद्गलः त्रिप्रदेशिकं स्पृशन् नि पश्चिमकैस्त्रिभिः स्पृशति ।
यथा परमाणुपुद्गलः त्रिप्रदेशिकं स्पर्शितः एवं स्पर्शक्तिव्यः यावद् अनन्तप्रदेशिकः ।
द्विप्रदेशिकः भदन्त ! स्कन्ध परमाणुपुद्गल स्पृशन् किं देशेन देशं स्पृशति ? पृच्छा ।
तृतीय- नवमाभ्यां स्पृशति ।
हिप्रदेशिकः द्विप्रदेशिकं स्पृशन् प्रथमतृतीय सप्तम नवमैः स्पृशति ।
दुप्पएसओ तिप्पएसियं फुसमाणे आदि ल्लएहि य, पच्छिल्लएहि य तिहिं फुसइ, मन्झिमएहिं तिहिं विपडिसेहेयव्वं । दुप्पएसओ जहा तिप्पएसियं फुसाविओ एवं द्विप्रदेशिकः यथा त्रिदेशिकं स्पर्शितः एवं फुसावेन्बो जान अनंतपएसिवं ।।
द्विप्रदेशिकः त्रिप्रदेशिकं स्पृशन् आदिमकैश्च, पश्चिमकैश्च त्रिभिः स्पृशति, मध्यमकैः त्रिभिः विप्रतिषेद्धव्यम् ।
स्पर्शयितव्यः यावद् अनन्तप्रदेशिकम्।
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श. ५: उ. ७ : स. १६५-१६७
है? ४. अनेक देशों से एक देश का स्पर्श करता है? ५. अनेक देशों से अनेक देशों का स्पर्श करता है? ६. अनेक देशों से सर्व का स्पर्श करता है? ७. सर्व
से एक देश का स्पर्श करता है? ८. सर्व से अनेक देशों का स्पर्श करता है? ९. सर्व से सर्व का स्पर्श करता है?
गौतम । १. परमाणु-पद्गल एक देश से एक देश का स्पर्श नहीं करता । २. एक देश से अनेक देशों का स्पर्श नहीं करता । ३. एक देश से सर्व का स्पर्श नहीं करता। ४. अनेक देशों से एक देश का स्पर्श नहीं करता। ५. अनेक देशों से अनेक देशों का स्पर्श नहीं करता। ६. अनेक देशों से सर्व का स्पर्श नहीं करता। ७. सर्व से एक देश का स्पर्श नहीं करता। ८. सर्व से अनेक देशों का स्पर्श नहीं करता । ९. सर्व से सर्व का स्पर्श करता है।
१६६. परमाणु- पद्गल द्विप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ सातवें और नौवें विकल्प (सर्व से एक देश और सर्व से सर्व का) का स्पर्श करता है। परमाणु - पुद्गल त्रिप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ अन्तिम तीन विकल्पों (सर्व से एक देश, सर्व से अनेक देशों और सर्व से सर्व) का स्पर्श करता है। जिस प्रकार परमाणु- पुद्गल का त्रिप्रदेशिक स्कन्ध से स्पर्श कराया गया है, इस प्रकार चतुःप्रदेशिक स्कन्ध से लेकर यावत् अनन्तप्रदेशिक स्कन्ध तक स्पर्श कराया जाए।
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१६७. भन्ते द्विप्रदेशिक स्कन्ध परमाणु- पुद्गल का स्पर्श करता हुआ क्या एक देश से एक देश का स्पर्श करता है? पृच्छा ।
तीसरे और नौवें विकल्प ( एक देश से सर्व और सर्व से सर्व का) का स्पर्श करता है। द्विप्रदेशिक स्कन्ध द्विप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ पहले, तीसरे, सातवें और नौवें (एक देश से एक देश, एक देश से सर्व सर्व से एक देश और सर्व से सर्व का) विकल्प का स्पर्श करता है। द्विप्रदेशिक स्कन्ध त्रिप्रदेशिक स्कन्ध का स्पर्श करता हुआ तीन प्रथम और तीन अन्तिम विकल्पों का स्पर्श करता है । मध्यवर्ती तीन विकल्प प्रतिषिद्ध है। जिस प्रकार दिप्रदेशिक स्कन्ध का त्रिप्रदेशिक स्कन्ध से स्पर्श कराया गया है, इस प्रकार चतुः
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