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________________ भगवई पारिभाषिक शब्दानुक्रम शौरसेनी श्रद्धा २० श्रम २१४ श्रमण ६७-८६,१५७,१६०,१८५,२१०,२४८,२६४ निर्ग्रन्थ १७६,१८६ -परम्परा २०१ माहन २७८ श्रमणियाँ २४५,२५० संघ २१० -सम्प्रदाय ६६,१६३,२६० श्रमणी २१०,२४८ श्रमणोपासक ५६,२१०,२३०,२६४,२७०,२७२,२७३ श्रवण १८१,२७८ श्रामण्य ६७ -पर्याय २४६ श्रावक १६१,२१०,२३०,२६५,२६६ श्राविका २१० श्री २२१ श्रुत ५,१०,१३,१२०,१२१ -अज्ञान २६३ केवली १६ -ज्ञान १०,१७,६०,११८-१२०,२६३ -ज्ञानी १५ -निश्रित ६० -वद्ध १८३ -स्थविर १८३ श्रेधी १८४,२१६ श्रोत्रेन्द्रिय प्रत्यक्ष १० श्वास १६७,२०१ ___-वर्गणा २०२ श्वासोच्छ्वास २८,५६,१५४,२०१,२०२,२५५ -पर्याप्ति १५६ श्वेताम्बर-साहित्य २३० षट्स्थानपतित हानि और वृद्धि २२४ षड् आवश्यक ६२ षटितन्त्र २०७,२०६ षष्ठभक्त २४३ सइंद्रिय ३८ संक्रमण २६,२७,३०,३१,४१,१५१ संक्लिष्ट ४४ संख्या १२६ संख्यात २०७,२०६ संख्यातवां भाग २६६ संख्येय २६७ संगिता २७३ संग्रह २ संघस्थविर १६३ संघात १५ संज्ञा ८७,१३२,१७४,१७५ संज्ञाक्षर संज्ञिभूत ५०,५३,५७,५८,६१ संझी २६२ पंचेन्द्रिय १५५,१५६ संज्वलन कषाय ६८ संघीयमान १६४ संपराय २७ संमुर्छिम संभोग-काल २६३ संयत (संयति).३२-३६,५१,५६ संयतासंयत ३३,३६,४३,५४,५५,५६,६०,६६,६७,२७४ संयम १४,१६,३७,३८,४४,६६,६८,१०४,१२१,१३०,१६६, १७६-१८२,१६७,१६३,२०७,२१२,२६३,२७२-२७४, २७६-२७१ संयमासंयम-देखें संयतासंयत संयोग ११ संलेखना २४५,२४७ संबर १६,४०,७६,५५,६७,१०४,१८०-१५२,२६४,२६५,२७३,२६१ योग १६३ संवृत ३६,४०,१७७ बस ४० संवेग १५७ संशय १ संसार ६४,६५,१४०,१७०,१७१,२०३ संसार-अवस्थान-काल ६४,६५,१७२ का आकलीकरण १७१ का परीतीकरण १७१ -चक्र २०६ परीत १७१ प्रहाण २०६ -भ्रमण ४० -वेदनीय कर्म २०४,२०५ -वेदनीय-प्रहाण २०६ -वेदनीय-व्यवच्छेद २०६ -व्यवच्छेद २०६ -समापन १६७ संसारी ३३ संस्कार-सूत्र १५ संस्थान १४,६५,१०६,११४,११८,१२०,२०६ -काल ६५ संहति १८८ संहनन १४,१५,१०६,११३,११४,११८,१२० -रहित १२० स-इन्द्रिय ३८,२०८ सकषाय ३६ सचित्त २५० सह लण्ह २८३ सत् ७८,१२६,१३३,१३४,२०६ सत्कारणवाद १३३ सत्ता २०६,२७६,२७७ सत्त्व १८६,१६०,२०४,२०५,२३४ सत्य ६२,७६ सघोविपाकी १६५ सनत्कुमार १०६ सनिवेश ४२,४४,४५ सपरिकर्म २२७ सपर्यवसित १७२ सप्रतिक्रमण पञ्चमहाव्रतात्मक १६२ समचतुरस्र संस्थान १४,१५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003593
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages458
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size12 MB
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