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________________ पारिभाषिक शब्दानुक्रम ३२८ भगवई समनस्क ५७,५८,११५,२६२ समभिरूढ ११,६२ समय २६,३०,१०१,१०८,१११,१२५,१२६,१७३,१७५,१६३,२२०, २५८,२६३ -क्षेत्र १६६,२८६ समाधिमरण २३०,२५०,२५१ समिति २३६ समुद्घात १६६,२५२ समुद्र १३१,१३६ समुद्री वैज्ञानिक २८० सम्म २१३ सम्यक् ७६ -त्व ३८,४८,८६,११६,२६५,२६६ -चारित्र ६१ -ज्ञान ६१ -दर्शन ७६,६६,११४ -दृष्टि ३३,४४,५०,५४-५६,५८,५६,६२,६८,११५,१६१ -दृष्टि उपपन्नग ६१ -मिथ्यादर्शन ११४ -मिथ्यादृष्टि ५०,५४,५५,५६,११४,११५ -रुचि ६७ सराग ६०,६१,२७३ तप २७३ संयम ३६,४३,५५,२७४ सर्वकाल १३३,१७४ सर्वज्ञ १२-१४,२२० सर्वतः आहार १५३ सर्वदर्शी १२,२२० सर्वदुःखप्रहीण २०५ सर्वव्रत ६६ सर्वांगासन १८,१६ सर्वाक्षरसन्निपाती लब्धि १८ सवीर्य १६६,१६८ सवंति सव्वावंति १२६ सशरीर ३८,२०३ सश्रीक २४३ सहस्रारकल्प ६७,६६,१०६ सांख्य दर्शन ६६,१०३,२०८,२६१ परिव्राजक २१७ सांख्यिकी ४८ साकार उपयोग ११६,१७४,१७५ सागर ४८,१७५ सागरोपम २३ साठ भक्त २४६ सातवेदनीय २६,५७,५८,७४ सादि पारिणामिक ७८ सिद्ध २१० साधन १२६ साधना-पद्धति २६५ साधारण शरीरी २५५ सान्त २०६,२२३,२२४,२२५,२२६ सामवेद २०७ सामाचारी ६७,६१,६२ सामान्य जीव ३४,३५,८७,१४५ सामायिक,६,३८,६१-६३,१८०,१८२,२३६,२४६ आदि ग्यारह अंग २३६ चारित्र २४८ सामुदानिक भिक्षाचर्या २७३,२७५ साम्परायिकी (क्रिया) १६२ सायुष्क १५१ सारक २०६ सारम्भ ३३ सार्थवाह २१३,२१६ सावध योग १८३ सास्वादन सम्यक्त्व ११६,१२० साहित्य १६३ सिंहनाद २१६ सिज्झइ ४१ सिद्ध ५,३३-३५,३६-४१,१०२,१०३,१३०,१३१,१३६,१७७,१८२, २०४-२०६,२०९-२११,२२२,२२४,२२६,२५१, -कण्डिका २८१ -वाद १३५ -शिला २६८ सिद्धालय २०६ सिद्धि १३०,१३५,२०६,२१२,२२२,२२५,२४८,२७८ सुख २१४,२३२,२७० दुःख ४८,२०५ सुखाधिगम ७६ सुवर्ण २६४,२६६ सुश्रामण्यरत २३६,२६८ सूक्ष्म ३८,७६,१४० जल १४१ -तर ३८ निगोद २५५ शरीर ३८ सम्पराय (चारित्र) ६१ स्कन्ध २२४ सूर्य १२२,१२३ सृष्टिवाद ६५,१३३,१३४ सेनापति २१६ सोपक्रम आयु २०३ सौधर्म देवलोक ६७,६८ स्कन्दक-चरित्र २३६ स्कन्ध २८,५६,१००,१०१,२२३,१२५,२६३ स्टेटिस्टिक्स ४८ स्तनितकुमार १०६ स्त्रीवेद २५८,२५६ स्थलचर ६६ स्थविर १८३,१६८,२४६,२६८ -कल्प ६१ -कल्पस्थिति १ स्थान २४१ स्थावर ११६,१३६,१३७ -काय २०२ स्थितकल्पी २ स्थिति २३,२६,३१,३६,६३,१११,१२६,२५६,२८८,२६३ -उदीरणा ८६ -क्षय २५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003593
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages458
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size12 MB
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