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भगवई
विषय
महाव्रतों की आरोपणा का उल्लेख
मांगल्य
माइम्बिक
मात्रिक- पैत्रिक अंग
मात्रा
मानुषी के गर्भ की स्थिति
मायी मिथ्यादृष्टि और अमायी सम्यग्दृष्टि
मार्गान्तर
माहन मिश्र
मिश्रकाल
मृग मृतादी निर्ग्रन्थ
मेघघनसंनिकास
मैथुन के द्वारा होने वाला असंयम
मोक्षवाद
यथासूत्र... यथासाम्य
यात्रा
यावत्
युगप्रमाण भूमि को देखने वाली दृष्टि
योग्य
योध
योनि - बीज
योनि में नौ लाख जीव
राख के ढेर से ढकी हुई ... तपस्तेज की श्री से
राजगृह नाम का नगर था
राजधानी
राजन्य
राजा
रोग
रोह के प्रश्न, महावीर के उत्तर
लक्षण, व्यञ्जन और गुणों से युक्त
लघिमाऋद्धिसम्पन्न
लब्धापलब्धी
लब्धार्थ
लाघव
लिङ्गान्तर
लिच्छवी
लेश्या
लोक
लोक- अलोकवाद
लोक का निरूपण वर्णगन्ध आदि पर्यवों से
लोक का प्रमाण
लोक पंचास्तिकाय है लोकद्रव्य
वज्रऋषभनाराच संहनन
बण्णवज्झ
वर्णनवाची आलापक
वलयमरण
वशार्त्तमरण
वह निकट आ गया है.... निकट मार्ग पर है
वातिक
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विषय
वायुकाय की काय स्थिति
वायुकायिक जीव वायुकाय का आन, अपान, उच्छ्वास निःश्वास
करते हैं
वायुकायिक जीवों का सशरीर निष्क्रमण या अशरीर निष्क्रमण विग्रहगति
विग्रहिक
विचिकित्सित
विधान-मार्गणा
विनय
विपुल तेजोलेश्या को अन्तर्लीन रखने वाला
विशिष्ट दायित्वपूर्ण
विसप्पमाण
वीरासन
बीरियवज्झाई
वीर्य
वीर्यलब्धि के प्रकार ( उपस्थापन - अपक्रमण )
वीर्यलब्धिक
वृत्ति
वृषिका
वेदन
वेदनावाद
वैक्रियलब्धिक
वैक्रियसमुद्घात
वैनयिक
वैशालिक श्रावक
वैहानश
व्यतिकीर्ण
व्यवच्छेद
व्याकरण
व्याघात और निर्व्याघात
शंका.... कलुष
शंकित
शरीर-निरपेक्ष
शाश्वत
शाश्वत अशाश्वत
शिक्षा
शिव
शील
शुद्ध प्रवेश्य
शून्यकाल
शृंगाटक.... पथ
शृंगार
श्रमण-माहण
श्री
श्रुत को नमस्कार
श्रेष्ठी
श्लैष्मिक
भाष्यविषयानुक्रम
श्वासोच्छ्वास
षष्टितन्त्र
संकल्प
संख्यान
संज्ञा
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