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छट्ठो उद्देसो : छठा उद्देशक
संस्कृत छाया
हिन्दी अनुवाद
भासा-पदं
भाषा-पदम्
भाषा-पद
११५. से नूणं भंते ! मत्रामी ति ओहारिणी
भासा ? एवं भासापदं भाणियबं ।।
अथ नूनं भदन्त ! मन्ये इति अवधारिणी ११५. 'भन्ते ! मैं मनन करता हूं, क्या यह अवभाषा? एवं भाषापदं भणितव्यम् । धारिणी भाषा है ? यहां भाषापद (पण्णवणा,
पद ११) वक्तव्य है।
भाष्य
१. सूत्र ११५
अवधारिणी भाषा-भाषा ज्ञान का माध्यम है। जिस भाषा के द्वारा अर्थ का अवधारण किया जाता है, उसका नाम
है-अवधारिणी भाषा। यह अवबोध की बीजभूत होती है। मनन और चिन्तन इसी के माध्यम से होते हैं।'
१. भ.व.२।११५–'मन्ये' अववुध्ये इति । एवमवधार्यते—अवगम्यतेऽनयेत्यवधारणी, अबबोधवीजभूतेत्यर्थः ।
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