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श.१: उ.६: सू.४२३-४२६
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भगवई
येरा सामाइयं न याणंति, थेरा सामाइयस्स स्थविराः सामायिकं न जानन्ति, स्थविराः स्थविर सामायिक को नहीं जानते, स्थविर अटुं न याणंति। सामायिकस्य अर्थ न जानन्ति ।
सामायिक का अर्थ नही जानते। येरा पचक्खाणं न याणंति, थेरा पच्च- स्थविराः प्रत्याख्यानं न जानन्ति, स्थविराः स्थविर प्रत्याख्यान को नहीं जानते, स्थविर खाणस्स अटुं न याणंति। प्रत्याख्यानस्य अर्थं न जानन्ति।
प्रत्याख्यान का अर्थ नहीं जानते। येरा संजमं न याणंति, थेरा संजमस्स अट्ठ स्थविराः संयमं न जानन्ति, स्थविराः संयमस्य स्थविर संयम को नहीं जानते, स्थविर संयम का नयाणति। अर्थं न जानन्ति ।
अर्थ नहीं जानते। येरा संवरं न याणंति, येरा संवरस्स अटुं न स्थविराः संवरं न जानन्ति, स्थविराः संवरस्य । स्थविर संवर को नहीं जानते, स्थविर संवर का याणंति। अर्थं न जानन्ति।
अर्थ नहीं जानते। येरा विवेगं न याणंति, थेरा विवेगस्स अटुं स्थविराः विवेकं न जानन्ति, स्थविराः विवे- स्थिवर विवेक को नहीं जानते, स्थविर विवेक न याणंति। कस्य अर्थं न जानन्ति।
का अर्थ नहीं जानते। येरा विउस्सग्गं न याणंति, थेरा विउ- स्थविराः व्युत्सर्गं न जानन्ति, स्थविराः व्युत्स- स्थविर व्युत्सर्ग को नहीं जानते, स्थविर व्युत्सर्ग स्सग्गस्स अटुं न याणंति॥ गस्य अर्थं न जानन्ति।
का अर्थ नहीं जानते।
४२४. तए णं थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं ततः स्थविराः भगवन्तः कालासवैश्यपुत्रम् ४२४. उस समय भगवान् स्थविरों ने वैश्यपुत्र अणगारं एवं वदासीअनगारं एवमवादिषुः--
कालास अनगार से इस प्रकार कहाजाणामो णं अजो ! सामाइयं, जाणामोणं जानीमः आर्य ! सामायिक, जानीमः आर्य! आर्य ! हम सामायिक को जानते हैं, आर्य ! हम अजो ! सामाइयस्स अटुं। सामायिकस्य अर्थम् ।
सामायिक का अर्थ जानते हैं। जाणामो णं अज्जो ! पचक्खाणं, जाणामो जानीमः आर्य ! प्रत्याख्यानं, जानीमः आर्य! आर्य | हम प्रत्याख्यान को जानते हैं, आर्य ! हम णं अजो ! पञ्चक्खाणस्स अट्ठ। प्रत्याख्यानस्य अर्थम् ।
प्रत्याख्यान का अर्थ जानते हैं। जाणामो णं अजो! सजमं, जाणामो णं जानीमः आर्य! संयम, जानीमः आर्य ! संयम- आर्य ! हम संयम को जानते हैं, आर्य ! हम संयम अजो! संजमस्स अळं। स्य अर्थम् ।
का अर्थ जानते हैं। जाणामो णं अजो ! संवर, जाणामो णं जानीमः आर्य ! संवर, जानीमः आर्य ! संव- आर्य ! हम संवर को जानते हैं, आर्य ! हम संवर अजो! संवरस्स अटूठं। रस्य अर्थम्।
का अर्थ जानते हैं। जाणामो णं अजो ! विवेगं, जाणामो णं जानीमः आर्य ! विवेकं, जानीमः आर्य ! आर्य ! हम विवेक को जानते हैं, आर्य ! हम अजो ! विवेगस्स अट्ठ। विवेकस्य अर्थम् ।
विवेक का अर्थ जानते हैं। जाणामो णं अजो ! विउस्सग्गं, जाणामो जानीमः आर्य ! व्युत्सर्ग, जानीमः आर्य ! आर्य ! हम व्युत्सर्ग को जानते हैं, आर्य ! हम णं अजो ! विउस्सग्गस्स अट्ठं ॥ व्युत्सर्गस्य अर्थम् ।
व्युत्सर्ग का अर्थ जानते हैं।
४२५. तते णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे ततः स कालासवैश्यपुत्रः अनगारः तान् स्थ- ४२५. तब वैश्यपुत्र कालास अनगार ने उन भगवान्
ते थेरे भगवंते एवं वयासी-जइणं अजो! विरान् भगवतः एवमवादीत-यदि आर्य! स्थविरों से इस प्रकार कहा-आर्य ! यदि आप तुम्भे जाणह सामाइयं, तुब्भे जाणह सामा- यूयं जानीथ सामायिकं, यूयं जानीथ सामा- सामायिक को जानते हैं, सामायिक का अर्थ जानते इयस्स अटूट जाव जइ णं अजो ! तुन्भे यिकस्य अर्थ यावद् यदि आर्य ! यूयं जानीथ हैं यावत् आर्य ! यदि आप व्युत्सर्ग को जानते जाणह विउस्सग्गं, तुब्भे जाणह विउ- व्युत्सर्ग, यूयं जानीथ व्युत्सर्गस्य अर्थ, किं हैं, व्युत्सर्ग का अर्थ जानते हैं, तो आर्य ! आपका स्सग्गस्स अटुं । के भे अजो ! सामाइए? युष्माकम् आर्य ! सामायिकम् ? कः युष्माकम् सामायिक क्या है ? आर्य ! आपके सामायिक के मे अजो ! सामाइयस्स अट्टे ? जाव आर्य ! सामायिकस्य अर्थः ? यावत् कः का अर्थ क्या है ? यावत् आर्य ! आपका व्युत्सर्ग के मे अजो ! विउस्सग्गे ? के मे अजो! युष्माकम् आर्य ! व्युत्सर्गः ? कः युष्माकम् क्या है ? आर्य ! आपके व्युत्सर्ग का अर्थ क्या विउस्सग्गस्स अट्ठे ?
आर्य ! व्युत्सर्गस्य अर्थः ?
४२६. तए णं थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासीआया णे अजो ! सामाइए, आया णे अजो! सामाइयस्स अटे। आया णे अजो ! पचक्खाणे, आया णे अजो ! पचक्खाणस्स अट्टे । आया णे अजो! संजमे, आया णे अजो
ततः स्थविराः भगवन्तः कालासवैश्यपुत्रम् ४२६. तब भगवान् स्थविरों ने वैश्यपुत्र कालास अनगारम् एवमवादिषुः
अनगार से इस प्रकार कहाआत्मा नः आर्य ! सामायिकम्, आत्मा नः आर्य ! आत्मा हमारा सामायिक है, आर्य ! आमा आर्य ! सामायिकस्य अर्थः।
हमारे सामायिक का अर्थ है। आत्मा नः आर्य ! प्रत्याख्यानम्, आत्मा नः आर्य ! आत्मा हमारा प्रत्याख्यान है, आर्य ! आमा आर्य ! प्रत्याख्यानस्य अर्थः।
हमारे प्रत्याख्यान का अर्थ है। आत्मा नः आर्य ! संयमः, आमा नः आर्य! आर्य ! आत्मा हमारा सयम है, आत्मा हमारे संयम
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