SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 218
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवई १७५ श.१: उ.६: सू.३६२-४१६ सब पदार्थों के गुरु और लघु होने का अस्वीकार क्या। समीक्षा की है। उनके मतानुसार गुरुता और लघुता गति के नियामक गति-नियम में बाधक नहीं बनेगा ? सामान्य धारणा है-गुरु वस्तु तत्त्व नहीं हैं। उनके नियामक तत्त्व हैं-गतिपरिणाम और नीचे जाती है और लघु वस्तु ऊपर जाती है। पत्थर नीचे जाता है वीर्यपरिणाम | इसलिए सर्वथा गुरु और सर्वथा लघु होने का अस्वीकार और धुआं ऊपर जाता है। जिनभद्रगणी ने इस प्रश्न की तर्कपर्ण गति-नियम में बाधक नहीं बनता।' यहां तालिका में प्रस्तुत सूत्रों में उल्लिखित सभी द्रव्यों की गुरुत्व-लघुत्व सारणी दी जा रह रही है। गुरु लघु गुरुलघु अगुरुलघु ____ गुरु लघु गुरुलघु अगुरुलघु | | | १. अवकाशान्तर x २१. दर्शन x x x २. तनुवात xx २२. ज्ञान x x xxx x x २३. अज्ञान x x x ३. घनवात ४. घनोदधि ५. पृथ्वी x २४. संज्ञा x x x x २५. औदारिकशरीर x x x x x x x ; x x x x २६. वैक्रियशरीर २७. आहारकशरीर २८. तैजसशरीर |२६. कार्मणशरीर x x x x x x x x x x x ६. वर्ष ६.१०. नैरयिक यावत् x वैमानिक ११. धर्मास्तिकाय ,x १२. अधर्मास्तिकाय १३. आकाशास्तिकाय x x x x x x x x x x x x ३०. मनोयोग३१. वचनयोग ३२. काययोग ३३. साकार उपयोग ३४. अनाकार उपयोग x ३५. सर्वद्रव्य xx x x x x |१४. जीवास्तिकाय x x x x x x x १५. पुद्गलास्तिकाय १६. समय १७. कर्म xx x x x x X x x १८. कृष्ण आदि द्रव्य लेश्या |३६. सर्वप्रदेश ३७. सर्वपर्यव ३८. अतीतकाल ३६. अनागतकाल ४०. सर्वकाल x x x X x x १६. कृष्ण आदि भाव लेश्या २०. दृष्टि xxx x x x X x अगुरुलघुद्रव्यं त्वरूपि रूपि चेति । व्यवहारतस्तु गुर्वादीनि चत्वार्यपि सन्ति, तत्र च निदर्शनानि—गुरुर्लाष्टोऽधोगमनात्, लघुघूमः ऊर्ध्वगमनात्, गुरुलघुर्वायु- स्तिर्यग्गमनात्, अगुरुलघ्वाकाशं तत्स्वभावत्वादिति । १.वि.भा.गा.६५५-६६३-- Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003593
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages458
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy