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सबगडो
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अध्ययन ११: प्रामुख ____जो तीर्थंकर अतीत में हो चुके हैं, जो तीर्थंकर भविष्य में होंगे और जो तीर्थकर आज विद्यमान हैं, उन सबने इसी निर्वाणमार्ग का प्रतिपादन किया था, करेंगे और कर रहे हैं। जैसे समस्त जीवों के लिए पृथ्वी आधारभूत है, वैसे ही यह निर्वाण-मार्ग, यह शांतिमार्ग सभी तीर्थंकरों का प्रतिष्ठान है।
अंतिम श्लोक में सुधर्मा जंबू से कहते हैं-'जम्बू ! तुमने मोक्षमार्ग के विषय में पूछा था। मैंने तुम्हें उसके स्वरूप की पूर्ण जानकारी दी है और उसकी निष्पत्ति भी बताई है। मेरा यह कथन बुद्धि-कल्पित नहीं है। यह सारा केवली द्वारा प्ररूपित यथार्थ है। तुम इस मार्ग पर अविश्रामगति से मरणपर्यन्त चलते चलो। तुम मुक्त हो जाओगे।'
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