SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 422
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सूयगडो १ ३८५ अध्ययन : प्रामुख श्लोक १-७ धर्म की मिथ्या मान्यताएं और अत्राण का निरूपण । ८-१० मूल-गुणों- महाव्रत आदि का प्रतिपादन । ११-२४ उत्तरगुणों का विस्तार से वर्णन-विभिन्न अनाचारों के सेवन का निषेध । २५-२७ भाषा का विवेक । २८ संसर्ग-वर्जन २६-३६ श्रामण्य-चर्या का स्वरूप । दशवकालिक सूत्र के तीसरे अध्ययन में अनाचारों-निम्रन्थ के लिए अनाचीर्ण प्रवृत्तियों का उल्लेख है । तथा छठे अध्ययन (महाचारकथा) में उनमें से कुछेक अनाचारों को सकारण समझाया गया है। प्रस्तुत आगम के इस अध्ययन में विभिन्न अनाचारों का उल्लेख हैश्लोक १२ १. धावन-हाथ, पेर, वस्त्र आदि धोना । २. रजन-वस्त्र, दांत, नख आदि को रंगना । ३. वमन-वमन करना। ४. विरेचन---जुलाब लेना। ५. वस्तिकर्म- एनिमा आदि लेना। ६. सिरोवेध-नाड़ी-वेधन करना। श्लोक १३ ७. गंध--इत्र आदि सुगन्धित द्रव्यों का सेवन करना । ८. माल्य-फूलों की माला का सेवन करना । ६. स्नान करना। १०.दंतप्रक्षालन करना। ११. परिग्रह-सचित्त वस्तु का संग्रह करना। श्लोक १४ १२. औद्देसिक-साधु के निमित्त बनाया हुआ भोजन लेना। १३. क्रीतकृत-साधु के निमित्त खरीदा हुआ लेना। १४. प्रामित्य-साधु को देने के लिए उधार लिया गया लेना। १५. आहृत-साधु के लिए दूर से लाया हुआ लेना। १६. पूर्ति-आधाकर्मी आहार से मिला हुआ लेना। १७. अनैषणीय लेना। श्लोक १५ १८. अक्षिराग-आंखों को आंजना । १६. उत्क्षालन-बोर-बार हाथ-पैर धोना । २०. कल्क- गंध-विलेपन करना। श्लोक १६ २१. संप्रसारक-असंयमी व्यक्तियों के साथ संसर्ग । २२. कृतक्रिय-असंयममय अनुष्ठान की प्रशंसा । २३. प्रश्नायतन-ज्योतिष या अन्य शास्त्र के आधार पर गृहस्थों के प्रश्नों का उत्तर देना । २४. सागरिक पिंड---शय्यातर का आहार लेना। १. देखें-दसवेआलियं, तीसरे अध्ययन का आमुख । Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003592
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Suyagado Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages700
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sutrakritang
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy