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________________ तेत्तीसइमो समवायो : तेतीसवां समवाय मूल संस्कृत छाया हिन्दी अनुवाद १. तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ, त्रयस्त्रिशदाशात (द)नाः प्रज्ञप्ताः, १. आशातनाएं तेतीस' हैं, जैसेतं जहा तद्यथा१. सेहे राइणियस्स आसन्नं गंता शैक्षः रानिकस्य आसन्नं गन्ता १. शैक्ष रात्निक (पर्याय-ज्येष्ठ) मुनि भवइ-आसायणा सेहस्स। भवति-आशातना शैक्षस्य । से सटकर चलता है, यह शैक्षकृत आशातना है। २. सेहे राइणियस्स पुरओ गंता शैक्षः रात्निकस्य पुरतो गन्ता भवति-- २. शैक्ष रानिक मुनि से आगे चलता भवइ-आसायणा सेहस्स। आशातना शैक्षस्य। है, यह शैक्षकृत आशातना है। ३. सेहे राइणियस्स सपक्खं गंता शैक्षः रालिकस्य सपक्षं गन्ता भवति-- ३. शैक्ष रानिक मुनि के समपार्श्व भवइ-आसायणा सेहस्स। आशातना शैक्षस्य । (बराबर) चलता है, यह शैक्षकृत आशातना है। ४. सेहे राइणियस्स आसन्नं शक्षः रानिकस्य आसन्नं स्थाता ४. शैक्ष रानिक मुनि से सटकर खड़ा ठिच्चा भवइ-आसायणा भवति-आशातना शैक्षस्य । रहता है, यह शैक्षकृत आशातना है। सेहस्स। ५. सेहे राइणियस्स पुरओ ठिच्चा शैक्षः रात्निकस्य पुरतः स्थाता । ५. शैक्ष रानिक मुनि के आगे खड़ा भवइ-आसायणा सेहस्स। भवति-आशातना शैक्षस्य । रहता है, यह शैक्षकृत आशातना है। ६. सेहे राइणियस्स सपक्खं ठिच्चा शैक्षः रात्निकस्य सपक्षं स्थाता भवति- ६. शैक्ष रालिक मुनि के समपार्श्व में भवइ-आसायणा सेहस्स। आशातना शैक्षस्य । खड़ा रहता है, यह शैक्षकृत आशातना ७. शैक्ष रानिक मुनि से सटकर बैठता है, यह शैक्षकृत आशातना है। ७. सेहे राइणियस्स आसन्नं शैक्षः रात्निकस्य आसन्नं निषत्ता निसीइत्ता भवइ-आसायणा भबति-आशातना शैक्षस्य । सेहस्स। ८. सेहे राइणियस्स पुरओ शक्षः रात्निकस्य पुरतः निषत्ता निसीइत्ता भवइ-आसायणा भवति-आशातना शैक्षस्य । सेहस्स। ८. शैक्ष रालिक मुनि के आगे बैठता है, यह शैक्षकृत आशातना है। है. सेहे राइणियस्त सपक्खं शैक्षः रात्निकस्य सपक्षं निषत्ता निसीइत्ता भवइ-आसायणा भवति--आशातना शैक्षस्य । सेहस्स। ६. शैक्ष रात्निक मुनि के समपार्श्व में बैठता है, यह शैक्षकृत आशातना है । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003591
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size23 MB
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