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________________ एगूणवीसमो उद्देसो वियड-पदं १. जे भिक्खू वियर्ड' किणति, किणावेति, कीयमाहट्ट दिज्जमाणं पडिग्गाहेति, पडिग्गाहेंतं वा सातिज्जति ॥ २. 'जे भिक्खू वियर्ड पामिच्चेति, पामिच्चावेति, पामिच्चमाहट्ट दिज्जमाणं __ पडिग्गाहेति, पडिग्गाहेंतं वा सातिज्जति ॥ ३. जे भिक्खू वियडं परियट्टेति, परियट्टावेति, परियट्टियमाहटु दिज्जमाणं पडिग्गाहेति पडिग्गाहेंतं वा सातिज्जति ।।। ४. जे भिक्खू वियडं अच्छेज्ज अणिसिट्ठ अभिहडमाहटु दिज्जमाणं पडिग्गाहेति, पडिग्गाहेंतं वा सातिज्जति ॥ ५. जे भिक्खू गिलाणस्सट्टाए परं तिण्हं वियडदत्तीणं पडिग्गाहेति, पडिग्गाहेंतं वा __सातिज्जति ॥ ६. जे भिक्खू वियडं गहाय गामाणु गाम दूइज्जति, दूइज्जंतं वा सातिज्जति ॥ ७. जे भिक्खू वियर्ड गालेति, गालावेति, गालियमाहट्ट देज्जमाणं पडिग्गाहेति, __पडिग्गाहेंतं वा सातिज्जति ।। सज्झाय-पदं ८. जे भिक्खू चउहि संझाहिं सज्झायं करेति, करेंतं वा सातिज्जति ,तं जहा–पुव्वाए संझाए, पच्छिमाए संझाए, अवरण्हे, अड्ढरत्ते ॥ ६. जे भिक्खू कालियसुयस्स परं तिण्हं पुच्छाणं पुच्छति, पुच्छंतं वा सातिज्जति ॥ १०. जे भिक्खू दिट्ठिवायस्स परं सत्तण्हं पुच्छाणं पुच्छति, पुच्छतं वा सातिज्जति ॥ ११. जे भिक्खू चउसु महामहेसु सज्झायं करेति, करेंतं वा सातिज्जति ति तं जहा इंदमहे खंदमहे जक्खमहे भूतमहे ॥ १. वियडि (ख)। २. सं० पा.-एवं पामिच्चेति परियट्रेति अच्छेज्जं अणिसठं । - ८०३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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