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________________ छक्काय-छिंद ११८ ३० छक्काय (षट्काय) अ० २१ छप्पइया (षट्पदिका) आ० ४१५ छगणपीढग ('छगण'पीठक) नि० १२१६ छप्पय (षट्पद) प० २५ छज्जीवकाय (षडजीवकाय) उ० १२।४१ छप्पण्ण (षट्पञ्चाशत्) नं २५. अ० ४६६ छज्जीवणिका (षड्जीवनिका) द० ४ सू० १ से · छप्पुरिमा (षट्पूर्वा) उ० २६।२५ गा० २८ छब्भाय (षड्भाग) उ० ३६॥६२ छट्ट (षष्ठ) द० ४ सू० ६,१६,१७. उ० २६।६, छमा (भमा) दचू० १।२ ३२,३०११६,३६, ३४१३; ३६४१६५,३६. छम्मासिय (पाण्मासिक) प० २८१. व० ११५, नं० ८६. अ० ३००,३०४,३०६,३०८६०. १० से १४. नि० २०१५, १०, से १४,१६, दसा० ६।१३; ७।३१. १०२,६६,७,८१, १०६,११५,१३०,१६५,१६७ छम्मासिया (पाण्मासिकी) दसा० ७।३,२६. वर छ?भत्तिय (षष्ठभक्तिक) ५० २४१,२६ १०।२० छट्टय (षष्ठक) उ० २६।३; ३०।१ छलुय (षडुलूक) प० १६३,१६४ छट्ठिया (षष्ठिका) उ० १३१७ छवि (छवि) उ० २२१५.५० २२ छट्ठी (षष्ठी) प० २,१२६. व.१०१३ छविइय (छविमत) ० ७।३४ छिडु (छर्दय)-छड्डुए व० ८५ छविखाय (छविखाव) नि० ६।१० छड्डुण (छर्दन) द० ६।५१ छवित्ताण (छवित्राण) उ० २७ छणूसविय (क्षणोत्सविक) न० १५२६८ छविपन्व (छविपर्वन् ) उ० ५।२४ छगणउइ (षण्णवति) अ ३६० छवीसइ (षटुर्विशति) उ० ३६।२३८ छत्त (छत्र) द. ३१४३० २२।११, ३६१५७. छिन्व (दे०) पात्रविशेष ब० ६।४२,४३ अनं० १३,१७० ३३१. वसा० १०३,११, छविध (षडविध) दसा० ७७ १४.१५.१७.६,२४ से ३२. प०४२, छन्विह (षडविध) उ०२८।३४; ३०७,१०% २२२॥६ नं. ६,४२,४४,४६,४८,७५. अनं. १. अ० छत्तकार (छकार) अ० ३६० ७६,१००,२५६,२७१,३४८,६११,६१७,७१४. छत्तग (छ) उ० ३६१६० दसा० ४।१०,११. क० ६।२० छत्तग्गह.छत्रग्रह) नि० २।२७ छव्वीस (षड्विंशति) उ० ३६।२३७. अ० ११७ छत्तय छत्रक) ० ८५ छाओवय (छायोपग) नि० ३७६ छत्तर (षट्तल) अ. ४०८ छाय (छादय) -छायई दसा० ६२७ छ (छत्रिन्) अ. ३३१ छाय (दे०) द० ६।२४ तीस (पत्रिंशत्) उ० ३६।७७. नं० ८२. छायण (छादन) ५० ५८ प० ६४ छाया (छाया) उ० २८।१२. दसा० ७२४. ५० छत्तीसइविह (ट्त्रिंशद्विध) उ० ३६।७२ ७४१८१ छिन्न (क्षण'-छन्नंति द० ६।५१ छायालीस (षट्चत्वारिंशत्) प० १४६ छन्न (छन्न) उ० २५।१८ छारिय (क्षारिक) द० ५७ छन्नउइ (षणवति) अ० ४०० /छिद (छिद्)-छिंद उ० ६।४. दसा० ६।३. छन्नउय (तण्णवत) व० ६।३५ -छिदइ उ०२०१३९. -छिदई उ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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