SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1072
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७८ ओभासिय-ओसन्न ओभासिय (अवभाष्य) नि० २०४८ ओरुभमाण (अवरोहयत्) क० ६६ ओम (अवम) उ० ३०११५ ओरोह (अवरोध) उ०६।४; २०१५८. प०६४ ओमंथिया (दे० अवमस्तिका) क० ५२२३ ओलंबित (अवलम्बित) दसा०६।३ ओमचरय (ओमचरक) उ० ३०।२४ ओलिज्झमाण (अवलिहत्) प० ३०,७५ ओमचेलग (अवमचेलक) उ० १२१७ ओलित्त (अवलिप्त) क० २।३,१०. नि० १७।१२७ ओमचेलय (अवमचेलक) उ० १२१६ ओवग्गहिय (औपहिक) उ० २४।१३ ओमजण (अवमजन) द० चू०१ सू० १ ओवघातिक (औपघातिक) द० ८।२१ ओमज्ज (अव+मज)-ओमज्जेज्जा व० ओवणिहिया (औपनिधिको) अ० १११,११२, श२१ १४७,१५१,१५४ से १५६,१७६,१६२,१६५ ओमरत्त (अवमरात्र) उ० २६३१५ से १९७,२१८,२२२.२२५ आमाण (अवमान) द० चू० २।६. उ० २७।१०. ओवत्तिया (अपवयं) द० ५१६३ अ० ३७२,३८०,३८१ ओवमिय (औपमिक) अ० ४१७,४१८ ओमाणसण्णा (अवमानसंज्ञा) अ० ३८०१ ओवम्म (औपम्य) अ० ५१५,५३८,५४२,५४६, ओमासण (अवमाशन) उ० ३२।१२ ५५८,५६६ ओमिण (अव+मा)-ओमिणिज्जइ अ० ओवयंत (अवपतत्) प० २५ ३८० ओवयमाण (अवपतत्) प० २३,८५,९६ ओमुइत्ता (अवमुच्य) ५० ७५ ओववाइय (औपपातिक) द० ४ सू०६ ओमोयरिय (अवमौदर्य, अवमोदरिक) उ० ३०.१४. ओवहिय (औपधिक) उ० ३४।२५ व० ८।१७ ओवाइय (औपपातिक) नं०७७ ओय (ओजस्) बसा० ५।७ ओवाय (औपाय) उ० १२८ ओयण (ओदन) उ०७१ ओवाय (अवपात) ८० ॥४ ओयविय (दे०) ५० २० ओवायव (अवपातवत्) द० ६।४३ ओयारिया (अवतार्य) दस० ५।६३ ओवास (अवकाश) व० ७।२३,२४, ८।५. नि० ओरस (औरस) उ० ६।३ १७।१२३,१२४ ओराल (दे० उदार) उ०३६।१२६. दसा० १०।। ओविय (दे०) बसा० १०।११,१२. ५० १०,४२ २२ से २६.५० ४ से ६,१६,२०,३६ से ३८, ओवुज्झमाण (अपोह्यमान) क० ६।८ ४७,४६,७३,७४,२७५ ओष्ठ (ओष्ठ) अ० ३५१ ओरालिय (औदारिक) उ० २६१७४. अ० २७६, ओस (दे०) आ० ४।४. उ० १०१२ ४४६,४५०,४५२,४५५,४५७ से ४५६,४६२। ओसक्किया (अवज्वष्क्य) ८० ५।६३ से ४६४,४६६ से ४६८,४७१,४७२,४७४, ओसण्ण (अवसन) नि० ४।२६,३०; १३१४५,४६; ४७६,४७७,४८०,४८२ से ४८४,४८६,४८७, १५८२ से ८५,१६।३०,३१ ४८६ से ४६५,४६८,४६६,५०२,५०३ दसा० ओसप्पि (णी) (अवसर्पिणी) अ० ४१५०१ ५७ ओसत्त (अवसक्त) दसा० १०॥२४. प० ६२ ओलंभिय (अवरुध्य) दसा० ६।२।३ ओसन्न (अवसन) द० चू० ११८. दसा० ६४.५० ओरुज्झमाण (अवरुध्यमान) उ०१४।२० २७६,२८२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy