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________________ ५६ भगवई गोमा ! दस एसिए खंधे भवइ । से भिज्जमाणे दुहा वि जाव दसहा वि कज्जइ० - - दुहा कज्जमाणे एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो नवपएसिए खंधे भवइ ; ग्रहवा एगयो दुपएसिए खंधे, एगयओ एसिए खंधे भवइ ; हवा एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयो सत्तपए सिए खंधे भवइ ; ग्रहवा एगयत्रो चउप्पएसिए खंधे, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ ० ; ग्रहवा दो पंचपएसिया खंधा भवंति । तिहा कज्जमाणे एगयो दो परमाणुपोग्गला, एगो एसिए खंधे भवइ; ग्रहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो दुपए सिए खंधे, एगयो सत्तपएसिए खंधे भवइ ; अहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो तिपएसिए खंधे, एगयो छप्पएसिए खंधे भवइ; सहवा एगयग्रो परमाणुपोग्गले, एगयो चउप्पएसिए खंधे, एगयग्रो पंचपए सिए खंधे भवइ; हवा एगो दुपएसिए खंधे, एगयो दो चप्पएसिया खंधा भवंति ग्रहवा एगयत्रो दो तिपएसिया खंधा, एगयो सिधे भवइ । चउहा कज्जमाणे एगयओ तिष्णि परमाणुपोगला, एगओ सत्त एसिए खंधे भवइ; अहवा एगयो दो परमाणुपोग्गला, एग दुपए सिए खंधे, एगयत्रो छप्पएसिए खंधे भवइ; ग्रहवा एगयो दो परमाणुपोग्गला, एगयो तिप्पएसिए खंधे, एगयो पंचपएसिए खंधे भवइ; हवा एगो दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति ; हवा एगो परमाणुपोग्गले, एगयो दुपएसिए खंधे, एगयो तिपएसिए खंधे, एगयो चउप्पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयो परमाणुपोग्गले, एगयो तिणि तिपएसिया खंधा भवंति ग्रहवा एगयो तिणि दुपएसिया खंधा, एगो चउप्पए सिए खंधे भवइ; ग्रहवा एगयो दो दुपएसिया खंधा, एगयो दो पिएसिया खंधा भवंति । पंचहा कज्जमागे एगयो चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयो छप्पए सिए खंधे भवइ; ग्रहवा एगयो तिष्णि परमाणुपोग्ला, एगो दुपएसिए खंधे, एगयत्रो पंचपएसिए खंधे भवइ; ग्रहवा एगयो तिणि परमाणुपोग्गला, एगयो तिपएसिए खंधे, एगयत्रो चउपएसिए खंधे भवइ; ग्रहवा एगयो दो परमाणुपोग्गला, एगयो दो दुपएसिया खंधा, एगो चउप्पएसिए खंधे भवइ, ग्रहवा एगयत्रो दो परमाणुपोग्गला, एगयो दुपसि खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति ; अहवा एगयो परमाणुपोगले, एगयो तिणि दुपएसिया खंधा, एगयो तिपएसिए खंधे भवइ; ग्रहवा पंच दुपएसिया खंधा भवंति । छहा कज्जमाणे एगयो पंच Jain Education International १. सं० पा० - एवं एक्केक्कं संचारेंतेगं जाव अहवा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003552
Book TitleAngsuttani Part 02 - Bhagavai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
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