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(ता)
(ता)
७११७६ ७।२१३ ८।२४८ ८।३१५ ८।३४७ ८।४२० ८।४३१ ८।४३१ है।४३
(ब) (ता) (क, ब, म)
कालगं ० जय ० अयमेयारूवे अणुप्पदायव्वे गोयं अणादीय० सातणयाए इस्सरिय० इस्सरिय सकसाई अहिओ (अ); मय० सवणयाए धूव नीव पउमसर नियम एयणा मायिमिच्छ० जति इंदियाणि सजोगी
कालतं ० जत ० अतमेतारूवे अणुप्पतातब्वे गोद अणातीत० सादणताए दिस्सरिय० तिस्सरिय० सकसादी अहितो अधितो मद० मत० समणयाए धूम
(म)
(म) (अ, ता) (क) (ता) (ता) (ब) (अ) (ता) (ता, ब) (ता)
नीम
६१७४ ६।१६६ ११।१३३ ११।१३४ ११११४२ १६३११३ १७।३८ १८।१०० १९८५ ३०१२२
पदुमसर नितम एतणा मादिमिच्छ० जदिदियाणि सजोती
(ता, ब) (ब) (ता) (ख)
प्रति परिचय (अ) भगवती वृत्ति (पंचपाठी) मूलपाठ सहित (हस्तलिखित)
___ यह प्रति गधैया पुस्तकालय, सरदारशहर की है। इसके पत्र १८६ तथा पृष्ठ ३७८ हैं । प्रत्येक पत्र १३१ इंच लम्बा तथा ४३ इंच चौड़ा है । पत्रों में मूलपाठ की १ से २३ तक पंक्तियां हैं। प्रत्येक पंक्ति में ८० से ८५ तक अक्षर हैं। प्रति सुन्दर तथा कलात्मक ढंग से लिखी गई है। बीच में बावड़ी भी है। लिपि-संवत् नहीं लिखा गया है। अनुमानतः यह प्रति १५-१६ वीं शताब्दि की लगती है। (क) भगवती मूलपाठ (हस्तलिखित)
यह प्रति पूनमचन्द बुधमल दूधोड़िया, छापर के संग्रहालय की है। इसके पत्र ३३३ व पृष्ठ ६६६ हैं । प्रत्येक पत्र १०१ इंच लम्बा तथा ४३ इंच चौड़ा है। प्रत्येक पत्र में १५ पंक्तियां
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