________________ प्रमाणाधिकार निरूपण] [311 समूच्छिमभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट स्थिति बयालीस हजार वर्ष की होती है / तथा अपर्याप्तक समूच्छिमभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतियंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट स्थिति भी अन्तर्मुहूर्त की जानना चाहिये / और– गौतम ! पर्याप्तक संमच्छिमभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त की और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त न्यून बयालीस हजार वर्ष की होती है / गौतम ! गर्भव्युत्क्रान्तिकभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतियंचयोनिक जीवों की औधिक जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट करोड़ पूर्व वर्ष की है।। अपर्याप्तक गर्भव्युत्क्रान्तिकभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यचयोनिक जीवों की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त की होती है / __ पर्याप्तक गर्भजभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त न्यून करोड़ पूर्व वर्ष प्रमाण है। विवेचन--यहां पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक के दूसरे भेद स्थल चर के चतुष्पद, उरपरिसर्प और भुजपरिसर्प इन तीन प्रकारों की प्रभेदों सहित जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति का प्रमाण बतलाया है / सामान्य से सभी की जघन्य स्थिति और अपर्याप्तकों की उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त प्रमाण हो है। लेकिन उत्कृष्ट स्थिति के प्रमाण में अंतर है। जिसका स्पष्टीकरण इस प्रकार है गाय, भैंस प्रादि चार पैर वाले तियंच चतुष्पदपंचेन्द्रियतिर्यंच, पेट के सहारे रेंगने वाले चलने वाले सर्प आदि जीव उरपरिसर्प और पैरों के सहारे रेंगने वाले नेवला आदि जीव भुजपरिसर्प कहलाते हैं। ___ सामान्य से तो पंचेन्द्रियतिर्यचयोनिकों को उत्कृष्ट स्थिति तीन पल्योपम है, जो भोगभूमिजों की अपेक्षा समझना चाहिये। ___ समूच्छिम स्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यचों की उत्कृष्ट स्थिति सामान्य से चौरासी हजार वर्ष और गर्भज चतुष्पदों की तीन पल्योपम की है। पर्याप्तक समूच्छिम स्थलचरों की अन्तर्महुर्त न्युन चौरासी हजार वर्ष तथा गर्भजों की अन्तर्मुहूर्त न्यून तीन पल्योपम प्रमाण है। क्योंकि अपर्याप्तकाल अन्तर्मुहूर्त से अधिक नहीं हैं / इसीलिये उसको कम करने का संकेत किया है। स्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचों के दूसरे भेद उरपरिसॉ की सामान्य से उत्कृष्ट स्थिति पूर्वकोटि वर्ष प्रमाण है / समूच्छिम की उत्कृष्ट स्थिति त्रेपन हजार वर्ष और गर्भज की पूर्वकोटि वर्ष है। किन्तु पर्याप्त की अपेक्षा संमूच्छिम की अन्तर्मुहूर्तन्यून त्रेपन हजार वर्ष और गर्भज की अन्तर्मुहूर्तन्यून पूर्वकोटि वर्ष जानना चाहिये। स्थलचरपंचेन्द्रियतियंचों के तीसरे भेद भुजपरिसों की सामान्य से उत्कृष्ट स्थिति पूर्वकोटि वर्ष तथा संमूच्छिमों की बयालीस हजार वर्ष और गर्भजों की पूर्वकोटि वर्ष है। पर्याप्त की अपेक्षा ममूच्छिमों की अन्तर्महूर्त न्युन बयालीस (42) हजार वर्ष तथा गर्भजों की अन्तर्महूर्त न्यून पूर्वकोटि वर्ष है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org