________________ नामाधिकार निरूपण] [145 [17] अविसेसिए कप्पातीतए, विसेसिए गेवेज्जए य अणुत्तरोववाइए य / अविसे सिए गेवेज्जए, विसेसिए हेछिमगेवेज्जए मज्झिममेवेज्जए उरिमगेयेज्जए / अविसेसिए हेटिमगेवेज्जए, विसेसिए हेद्विमहेडिमगेवेज्जए हेटिममज्झिमगेवेज्जए हेट्ठिमउरिमगेवेज्जए। अविसेसिए मज्झिमगेवेज्जए, विसेसिए मज्झिमहे टिमगेवेज्जए मज्झिममज्झिमगेवेज्जए मज्झिमउवरिमगेवेज्जए। अविसेसिए उरिमगेवेज्जए, विसेसिए उचरिमहेटिमगेवेज्जए उरिमज्झिमगेवेज्जए उवरिमउवरिमगेवेज्जए। एतेसि पि सम्वेसि अविसेसिय-विसेसिय-पज्जत्तय-अपज्जत्सयभेदा भाणियध्वा / [216-17] यदि कल्पातीन को अविशेषित नाम माना जाये तो ग्रैवेयकवासी और अनुत्तरोपपातिक देव विशेषित नाम हो जाएँगे ! अवयकवासी को अविशेषित नाम मानने पर अधस्तनप्रैवेयक, मध्यमवेयक, उपरितनग्रेवेयक ये नाम विशेषित नाम रूप होंगे। जब अधस्तनप्रैवेयक को अविशेषित नाम माना जायेगा तब अधस्तन-अधस्तन ग्रेवेयक, अधस्तन-मध्यम प्रैवेयक, अधरतन-उपरितन अवेयक नाम विशेषित नाम कहलायेंगे / अविशेषित नाम के रूप में मध्यमवेयक को मानने पर मध्यम-अधस्तन अवेयक, मध्यम-मध्यम वेयक, मध्यम-उपरिम वेयक नाम विशेपित नाम होंगे। यदि उपरिम अवेयक को अविशेषित नाम माना जाए तो उपरिम-अधस्तन ग्रैवेयक, उपरिममध्यम ग्रंवेयक, उपरिम-उपरिम वेयक ये नाम विशेषित नाम कहलायेंगे। इन सबको भी अविणेषित नाम माना जाये तो उनके पर्याप्त और अपर्याप्त ये विशेषित नाम कहलायेंगे। [18] अविसेसिए अणुत्तरोववाइए, विसेसिए विजयए वेजयंतए जयंतए अपराजियए सन्वट्ठसिद्धए। एतेसि पि सम्वेसि अविसेसिय-विसेसिय-पज्जत्तय-अपज्जत्तयभेदा भाणियव्वा / |216-18 | यदि अनुत्तरोपपातिक देव इस नाम को अविशेषित नाम कहा जाये तो विजय, वैजयन्त, जयन्त, अपराजित. सर्वार्थमिद्धविमानदेव विशेषित नाम कहलायेंगे / इन सबको भी अविशपिन नाम की कोटि में ग्रहण किया जाए तो प्रत्येक के पर्याप्त और अपर्याप्त भेद विशेषित नाम रूप हैं। [19] अविसेसिए अजोवदम्वे, विसेसिए धम्मस्थिकाए अधम्मस्थिकाए आगासस्थिकाए पोग्गलत्थिकाए अद्धासमए य / अविसेसिए पोग्गलस्थिकाए विसेसिए परमाणुपोग्गले दुपएसिए जाव अणंतपएसिए / से तं दुनामे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org