________________ आनुपूर्वी निरूपण] [105 विवेचन--सूत्र में संग्रहनयसम्मत अनौपनिधिकी द्रव्यानुपूर्वी के अतिदेश द्वारा क्षेत्रानुपूर्वी के वर्णन करने का संकेत किया है। लेकिन किसी-किसी प्रति में इस संक्षिप्त कथन से सम्बन्धित सूत्रपाठ इस प्रकार है से किं तं संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुवी ? संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुब्बी पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा--प्रत्थपयपरूवणया 1, भंगसमुक्कित्तणया 2, भंगोवदंसणया 3, समोयारे 4, अणुगमे 5 / से किं तं संगहस्स अत्थपयपरूवणया? संगहम्स अत्थपयपरूवणया तिपएसोगाढे प्राणुपुत्री चउप्पासोगाढे आणुपुवी, जाब दसपए अणाणुपुत्वी, दुप्पएसोगाढे अवत्तव्वए / से तं संगहस्स अत्थपयपरूवणया / एयाए णं संगहस्स अत्थपयपरूबणयाए कि पोयणं ? संगहस्स प्रत्थपयपरूवणयाए संगहस्स भंगसमुक्कित्तणया कज्जइ / संगहस्स भंगसमुश्कित्तणया अस्थि आणुपुब्बी, अत्थि अणाणुपुवी, अस्थि अवत्तव्वए / अहवा अस्थि प्राणुपुवी अणाणपुब्बी य, एव जहा दवाणुपुब्बीए संगहस्स तहा भाणियब्वं जाव से तं सगहस्स भंगस मुक्कित्तणया। एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणयाए कि पयोयणं ? एयाए णं संगहस्स भंगसमुक्कित्तणयाए संगहस्स भंगोवदंसणया कज्जइ / से कि तं संगहस्स भंगोवदंसणया? संगहस्स भंगोवदंसणया तिप्पएसोगाढे प्राणुपुब्बी, एगपएसोगाढे अणाणुपुवी, दुप्पएसोगाढे अवत्तत्रए / अहवा तिप्पएसोगाढे य एगपएसोगाढे य प्राणुघुवी य अणाणुपुवी य, एवं जहा दव्वाणुपुबीए संगहस्स तहा खेत्ताणुपुब्बीए वि भाणियच्वं जाव से तं संगहस्स भंगोवदंसणया। से किं तं समोयारे ? समोयारे संगहस्स प्राणुपुत्वीदव्वाई कहिं समोयरंति ? किं आणुपुवीदव्वेहि समोयरंति? अणाणुपुत्वीदव्वेहि ? अवत्तव्वगदसेहि ? तिण्णिवि सटाणे समोयरंति / से तं समोयारे। से किं तं अणुगमे ? अणुगमे अट्ठविहे पण्णत्ते, तं जहा -- संतपयपरूवणया जाव अप्पाबहुं नत्थि / संगहस्स प्राणुपुब्बीदवाइं कि अत्थि णस्थि ? णियमा अत्थि / एवं तिणि वि सेसगदाराई जहा दव्याणपुठवीए संगहस्स तहा खेत्ताणपुवीए वि भाणियव्वाइं जाब से तं अणुगमे / से तं संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुयी / से तं अणोवणिहिया खेत्ताणुपुब्बी। इन सूत्रों का अर्थ-पूर्वोक्त द्रव्यानुपूर्वीगत पाठ की तरह जानना चाहिए / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org