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________________ परिशिष्ट 2 : गामानुजमणिका [713 13 11 14 8 14 34 11 21 11 Maror or or or or << << << << << << = 3 x 4 = 4 30 जीवा जहा य भोई तणुयं भयंगो जहा लाहो तहा लोहो जहा वयं धम्म जहा सागडिग्रो जहा सा दुमाण पवरा जहा सा नईण पवरा जहा सुणी पूइकष्णी जहा से उडुवई चंदे जहा से कंबोयाणं जहा से खलु उरब्भे जहा से चाउरते जहा से तिखसिंगे जहा से नगाण पवरे जहा से वासुदेवे जहा से सयंभूरमणे जहा से सहस्सक्खे जहा से सामाइयाण जहा संखमि पयं जहित्ता पुटवसंजोगं जहित्त संग जहेह सीहो जं किचि पाहार पाणगं जं च मे पुच्छसी काले जं नेइ जया रत्ति जं मे बुद्धाऽणुसासंति जं विवित्तमणाइण्ण जाई-जरा-मच्चुभयाभिभूया जाईपराजिनो खलु जाईमय पडिबद्धा जाईसरणे समुप्पन्ने जाई सरित्तु जा उ अस्सावणी जा किण्हाए ठिई खलु जा चेव य पाउठिई जा जा बच्चइ रयणी जा जा बच्चइ रयणी 34 जाणामि संभूय ! 17 जा तेऊए ठिई खलु 20 जा नीलाए ठिई खलु 14 जा पम्हाए ठिई खलु 27 जायरूवं जहा मट्ठ 28 जारिसा माणुसे 4 जारिसा मम सीसामो 25 जाव न एइ पाएसे 16 जावंतविज्जा पुरिसा जा सा अणसणा मरणे जिणवयणे जिणे पासित्ति नामेणं 24 जिब्भाए रसं गहणं वयंति 21 जीमूयनिद्धसंकासा जीवा चेव अजीवा य जीवाजीवविभत्ति जीवाजीवा य बंधोय जीवियं चेव 26 जीवियंत तु संपत्ते जे पाययसंठाणे जे इंदियाणं जे के इमे पव्वइए जे केई उपव्वइए 16 जे केइ पत्थिवा तुब्भं 27 जे केइ सरीरे 1 जे गिद्ध कामभोगेसु 4 जेट्ठामूले आसाढ-सावणे 1 जेण पुणो जहाइ 5 जे य मग्गेण गच्छंति जेय वेयविऊ विप्पा 2 जे यावि दोसं समुवेइ तिव्वं 80 murx 25 15 22 MY Mmr m mmm xxxxxxxxx 71 14 14 24 25 , , , , , , Jain Education International For Private & Personal Use Only wmjainelibroryrerg
SR No.003498
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1984
Total Pages844
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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