________________ [35 पांचवीं दशा] 8. केवलणाणे वा से असमुप्पण्णपुग्वे समुप्पज्जेज्जा, केवलकप्पं लोयालोयं जाणित्तए / 9. केवलदंसणे वा से असमुप्पण्णपुन्धे समुप्पज्जेज्जा, केवलकप्पं लोयालोयं पासित्तए / 10. केवलमरणे वा से असमुप्पण्णपुग्वे समुष्पज्जेज्जा सव्वदुषखपहीणाए / गाहाओ ओयं चित्तं समादाय, झाणं समणुपस्सइ / धम्मे ठिओ अविमाणो, निस्वाणमभिगच्छइ // 1 // ण इमं चित्तं समादाय, भुज्जो लोयंसि जायइ / अप्पणो उत्तमं ठाणं, सण्णोणाणेण जाणइ // 2 // अहातच्चं तु सुमिणं, खिप्पं पासेइ संयुडे / सम्वं वा अोहं तरति, दुक्खायो य विमुच्चइ // 3 // पंताई भयमाणस्स, विवित्तं सयणासणं / अप्पाहारस्स दंतस्स, देवा सेंति ताइणो // 4 // सव्वकाम-विरत्तस्स, खमतो भय-भेरवं / तओ से प्रोहि भवइ, संजयस्स तवस्सिणो // 5 // तवसा अवहड-लेस्सस्स, दसणं परिसुज्झइ / उड्ढं अहे तिरियं च, सव्वं समणुपस्सति // 6 // सुसमाहियलेस्सस्स, अवितक्कस्स भिक्खुणो। सम्वतो विष्पमुक्कस्स, प्राया जाणाइ पज्जवे // 7 // जया से पाणावरणं, सव्वं होइ खयं गयं / तया लोगमलोगं च, जियो जाणति केबली // 8 // जया से दसणावरणं, सव्वं होइ खयं गयं / तया लोगमलोगं च, जिणो पासति केवली // 9 // पडिमाए विसुद्धाए, मोहणिज्जे खयं गए। असेसं लोगमलोगं च, पासेति सुसमाहिए // 10 // जहा मत्थए सूइए हताए हम्मइ तले। एवं कम्माणि हम्मंति, मोहणिज्जे खयं गए // 11 // सेणावइम्मि निहए, जहा सेणा पणस्सति / एवं कम्माणि गस्संति मोहणिज्जे खयं गए // 12 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org