________________ वर्ग : प्रथम अध्ययन] [19 बालक का जन्म : एकान्त में फेंकना 16. तए णं सा चेल्लणा देवो नवव्हं मासाणं बहुपडिपुग्णाणं [जाव] सोमालं सुरूवं दारगं पयाया। तए णं तीसे चेल्लणाए देवीए इमे एयारूवे जाव समुप्पज्जित्था-"जइ जाव इमेण दारएणं गभगएणं चेव पिउणो उयरबलिमसाई खाइयाई, तं न नज्जइ णं एस दारए संबड्ढमाणे अम्हं कुलस्स अन्तकरे भविस्सइ / तं सेयं खलु अम्हं एवं दारगं एगन्ते उक्कुरुडियाए उज्झावित्तए" एवं संपेहेइ, २त्ता दासचेडि सद्दावेइ, 2 ता एवं वयासी-"गच्छह गं तुमं, देवाणुप्पिए, एयं दारगं एगते उक्कुरुडियाए उज्झाहि।" [16] तत्पश्चात् नौ मास पूर्ण होने पर चेलना देवी ने एक सुकुमार एवं रूपवान् बालक का प्रसव किया-उसे जन्म दिया। बालक का प्रसव होने के पश्चात चेलना देवी को इस प्रकार का यह विचार आया-'यदि इस बालक ने गर्भ में रहते ही पिता की उदरावलि का मांस खाया है तो हो सकता है कि यह बालक संवर्धित-सवयस्क होने पर हमारे कुल का भी अंत करने वाला हो जाय ! अतएव इस बालक को एकान्त उकरड़े (कूड़े-कचरे के ढेर) में फेंक देना ही उचित-श्रेयस्कर होगा।' इस प्रकार का संकल्प -विचार किया। संकल्प करके अपनी दासी-चेटी को बुलाया, बुलाकर उससे कहा-देवानुप्रिये ! तुम जानो और इस बालक को एकान्त में उकरड़े में फेंक प्रायो।' श्रेणिक द्वारा भर्त्सना 17. तए णं सा दासचेडी चेल्लणाए देवीए एवं वुत्ता समाणो करयलं [जाव] कट्ट चेल्लणाए देवीए एयमट्ठविणएणं पडिसुणेइ, 2 तातं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ, 2 त्ता जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ, 2 ता तं दारगं एगन्ते उक्कुरुडियाए उज्झाइ / तए णं तेणं दारणेणं एगन्ते उक्कुरुडियाए उझिएणं समाणेणं सा असोगवणिया उज्जोविया यावि होत्था / तए णं से सेणिए राया इमोसे कहाए लट्ठ समाणे, जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ, 2 त्ता तं दारगं एगन्ते उक्कुरुडियाए उझियं पासेइ, 2 त्ता आसुरुत्ते [जाव] मिसिमिसेमाणे तं दारगं करयलपुडेणं गिण्हइ, 2 ता जेणेव चेल्लणा देवी, तेणेव उवागच्छइ, 2 ता चेल्लणं देविं उच्चावयाहि पाओसणाहिं आओसइ, 2 ता उच्चावयाहि निभच्छणाहिं निभच्छेइ / एवं उद्धसणाहिं उद्ध'सेइ, 2 ता एवं क्यासी- "किस्स णं तुमं मम पुत्ते एगन्ते उक्कुरुडियाए उज्झावेसि" त्ति कट्ट चेल्लणं देवि उच्चावयसवहसावियं करेइ, 2 ता एवं वयासी-तुमं णं देवाणुप्पिए, एयं दारगं अणुपुग्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संवड्ढेहि / तए णं सा चेल्लणा देवी सेणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणी लज्जिया विलिया विड्डा करयलपरिग्गहियं सेणियस्स रन्नो विणएणं एयमट्ठ पडिसुणेइ, 2 तं दारगं अणुपुवेणं सारखमाणी संगोवेमाणी संवड्ढेइ। तए णं तस्स दारगस्त एगन्ते उक्कुरुडियाए उज्झिज्जमाणस्स अग्गंगुलिया कुक्कुडपिच्छएण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org