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________________ षष्ठ वक्षस्कार] [315 जंबुद्दीवे णं भंते ! दोवे केवइआ सलिला-सय-सहस्सा पुरस्थाभिमुहा लवणसमुई समति ? गोयमा ! सत्त सलिला-सय-सहस्सा अट्ठावीसं च सहस्सा (लवणसमुदं) समति / जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइआ सलिला-सय-सहस्सा पच्चस्थिमाभिमुहा लवणसमुई समति ? गोयमा ! सत्त सलिला-सय-सहस्सा अट्ठावीसं च सहस्सा (लवणसमुई) समप्यति / एवामेव सपुब्वावरेणं जंबुद्दीवे दोवे चोद्दस सलिला-सय-सहस्सा छप्पण्णं च सहस्सा भवंतीतिमक्खायं इति / [158] खण्ड, योजन, वर्ष, पर्वत, कट, तीर्थ, श्रेणियां, विजय, द्रह तथा नदियां-इनका प्रस्तुत सूत्र में वर्णन है, जिनकी यह संग्राहिका गाथा है। 1. भगवन् ! (एक लाख योजन विस्तार वाले) जम्बूद्वीप के (526 योजन विस्तृत) भरतक्षेत्र के प्रमाण जितने -भरतक्षेत्र के बराबर खण्ड किये जाएं तो वे कितने होते हैं ? गौतम ! खण्डगणित के अनुसार वे एक सौ नब्बे होते हैं / 2. भगवन् ! योजनगणित के अनुसार जम्बूद्वीप का कितना प्रमाण कहा गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप का क्षेत्रफल-प्रमाण (7605664150) सात अरब नब्बे करोड़ छप्पन लाख चौरानवें हजार एक सौ पचास योजन कहा गया है। 3. भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने वर्ष-क्षेत्र बतलाये गये हैं ? गौतम ! जम्बूद्वीप में सात वर्ष-क्षेत्र बतलाये गये हैं---१–भरत, २-ऐरावत, ३-हैमवत, ४-हैरण्यवत, 5- हरिवर्ष, ६–रम्यकवर्ष तथा ७-महाविदेह / 4. भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत कितने वर्षधर पर्वत, कितने मन्दर पर्वत, कितने चित्रकूट पर्वत, कितने विचित्रकूट पर्वत, कितने यमक पर्वत, कितने काञ्चन पर्वत, कितने वक्षस्कार पर्वत, कितने दीर्घ वैताढ्य पर्वत तथा कितने वृत्त वैताढ्य पर्वत बतलाये गये हैं ? गौतम ! जम्बुद्वीप के अन्तर्गत छह वर्षधर पर्वत, एक मन्दर पर्वत, एक चित्रकूट पर्वत, एक विचित्रकूट पर्वत, दो यमक पर्वत, दो सौ काञ्चन पर्वत, वीस वक्षस्कार पर्वत, चौतीस दीर्घ वैताढय पर्वत तथा चार वृत्त वैताढय पर्वत बतलाये गये हैं। यों जम्बूद्वीप में पर्वतों की कुल संख्या 6+1+ 1+1+2+200+2+34+4= 266 (दो सौ उनहत्तर) है। 5. भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने वर्षधरकूट, कितने वक्षस्कारकूट, कितने वैताढयकूट तथा कितने मन्दरकूट कहे गये हैं ? गौतम ! जम्बूद्वीप में छप्पन वर्षधरकूट, छियानवे वक्षस्कारकूट, तीन सौ छह वैताढयकूट तथा नौ मन्दरकूट बतलाये गये हैं। इस प्रकार ये सब मिलाकर कुल 56+66+306+6=467 कूट होते हैं। 6. भगवन् / जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में कितने तीर्थ बतलाये गये हैं ? गौतम जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में तीन तीर्थ बतलाये गये हैं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003486
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1986
Total Pages480
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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