________________ 52] [औपपातिकसूत्र आदि से सम्बद्ध उपद्रव न होने पर भी मृत्युकाल समीप जानकर अपनी इच्छा से जीवन भर के लिए आहार त्याग / __ इस (अनशन) से प्रतिकर्म --शरीर संस्कार, हलन-चलन आदि क्रिया-प्रक्रिया का त्याग रहता है। इस प्रकार पादोपगमन यावत्कथिक अनशन होता है। भक्तप्रत्याख्यान क्या है-उसके कितने भेद हैं ? भक्तप्रत्याख्यान के दो भेद बतलाये गये हैं१. व्याघातिम, 2. निवाघातिम / भक्तप्रत्याख्यान अनशन में प्रतिकर्म नियमत: होता है। यह भक्तप्रत्याख्यान अनशन का विवेचन है। अवमोदरिका क्या है--उसके कितने भेद हैं ? अवमोदरिका के दो भेद बतलाये गये हैं१. द्रव्य-अवमोदरिका-खान-पान आदि से सम्बद्ध पदार्थों का पेट भरकर उपयोग नहीं करना, भूख से कम खाना / 2. भाव-अवमोदरिका-प्रात्मप्रतिकूल या आवेशमय भावों का चिन्तन-विचार में उपयोग न करना। द्रव्य-प्रवमोदरिका क्या है-उसके कितने भेद हैं ? द्रव्य-प्रवमोदरिका के दो भेद बतलाये गये हैं---१. उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका-वस्त्र आदि देहोपयोगी सामग्री का कम उपयोग करना / 2. भक्तपान-अवमोदरिका-खाद्य, पेय पदार्थों का कम मात्रा में उपयोग करना, भूख से कम सेवन करना। उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका क्या है उसके कितने भेद हैं ? उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका के तीन भेद बतलाये गये हैं-१. एक पात्र रखना, 2. एक वस्त्र रखना, 3. एक मनोनुकूल निर्दोष उपकरण रखना / यह उपकरण-द्रव्य-अवमोदरिका है। भक्तपान-द्रव्य-अवमोदरिका क्या है -उसके कितने भेद हैं ? भक्तपान-द्रव्य-अवमोदरिका के अनेक भेद बतलाये गये हैं, जो इस प्रकार हैं मुर्गी के अंडे के परिमाण के केवल पाठ ग्रास भोजन करना अल्पाहार-अवमोदरिका है। मर्गी के अंडे के परिमाण के 12 ग्रास भोजन करना अपार्ध- अर्ध से अधिक अवमोदरिका है / मुर्गी के अंडे के परिमाण के सोलह ग्रास भोजन करना द्विभागप्राप्त या अर्ध अवमोदरिका है। मुर्गी के अंडे के परिमाण के चौबीस ग्रास भोजन करना-चौथाई अवमोदरिका है। मुर्गी के अंडे के परिमाण के इकतीस ग्रास भोजन करना किञ्चित् न्यून-कुछ कम अवमोदरिका है। __ मुर्गी के अंडे के परिमाण के बत्तीस ग्रास भोजन करने वाला प्रमाणप्राप्त--पूर्ण आहार करने वाला है। अर्थात् बत्तीस ग्रास भोजन परिपूर्ण आहार है / इससे एक ग्रास भी कम आहार करने वाला श्रमण-निर्ग्रन्थ अधिक ग्राहार करने वाला कहे जाने योग्य नहीं है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org