________________ 36] [मोपपातिकसूत्र जहाँ लघुसर्वतोभद्र प्रतिमा में एक उपवास से लेकर पांच दिन तक उपवास किये जाते हैं, वहाँ महासर्वतोभद्र प्रतिमा में एक उपवास से लेकर सात दिन तक के उपवास किये जाते हैं। __ इस तपस्या की विधि या प्रक्रिया सूचक यन्त्र निम्नांकित है, जो लघुसर्वतोभद्रप्रतिमा तप से सम्बद्ध यन्त्र की सरणि पर स्थापित है --- - -- - इस यन्त्र की प्रत्येक पंक्ति का योग अट्ठाईस है / इस तपस्या में 1+2+3+4+5+6+7+4+5+6+7+1+2+3+7+1+2 3+4+5+6+3+4+5+6+7+1+2+6+7+1+2+3+4+5+2+3+4+ 5 +6+7+1+5+6+7+1+2+3+4= तप दिन १९६+पारणा दिन 49- कुल दिन 245 = पाठ महीने तथा पाँच दिन लगते हैं / इसकी चारों परिपाटियों में 245+245 245-245 =980 दिन = दो वर्ष पाठ महीने तथा बीस दिन लगते हैं। आम्बिल बर्द्धमान अन्तकृद्दशांग सूत्र के अष्टम वर्ग के दशवें अध्ययन में प्रार्या महासेनकृष्णा द्वारा प्रायम्बिल Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org