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________________ महासर्वतोमर प्रतिमा दसम इस तपस्या में 1+2+3+4+5+3+4+5+1+2+5+1+2+3+4+2+ ३+४+५+१+४+५+१+२+३-तप 75 दिन+पारणा 25 दिन- 100 दिन-तीन महीने और दश दिन लगते हैं। विगयसहित, विगयजित, लेपजित तथा प्रायम्बिल पूर्वक पारणे के आधार पर कनकावली की तरह इस तप की चार परिपाटियाँ हैं। चारों परिपाटियों में 100+100+100+100 = 400 दिन = एक वर्ष एक महीना और दश दिन लगते हैं। महासर्वतोभद्र प्रतिमा अन्तकृद्दशांग सूत्र अष्टम वर्ग के सातवें अध्ययन में प्रार्या वीरकृष्णा द्वारा महासर्वतोभद्र प्रतिमा तप किये जाने का उल्लेख है। 1. एवं वीरकण्हा वि, नवरं-महालयं सव्वग्रोभह तवोकम्म उवसंपज्जित्ता णं विहरइ, तं जहा चउत्थं करे, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / सोलसमं करेइ, करेता सब्बकामगुणिय पारेइ / ਚੜ੍ਹੇ करेइ, करेत्ता लव्वकामगुणियं पारे / चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / अट्ठमं करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारेइ / छठें करेइ, करेत्ता सव्वकामगणिय पारेइ / करेइ, करेता सव्वकामगुणियं पारेइ / चोइसम करेइ, करेता सव्वकामगुणिय पारेइ / दुवालसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / सोलसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / चोद्दसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / चउत्थं करेइ, करेता सबकामगुणिय पारे / सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / छठं करेइ, करेत्ता सम्बकामगुणियं पारेइ / दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / अट्टम करेइ, करेत्ता सवकामगुणियं पारेइ / दुवालसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / दसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / चोइसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / दुवालसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / सोलसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / छठें करेइ, करेत्ता सव्वकामगणियं पारे / चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्व कामगुणियं पारे / छठं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामणिय पारेइ / दुवालसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / सोलसम करेई, करेत्ता सव्वकामगुणिय पारेइ / चोदसम करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारेइ / चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्यकामगुणियं पारे / सोलसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / छट्ठ करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / चउत्थं करेइ, करेत्ता सबकामगुणिय पारेइ / अट्ठमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणिय पारेइ / दुवालसम करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारेइ / दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / पोहसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगणियं पारे / दुवालसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / चोदसमं करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारेद / सोलसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / दसम करेद, करेत्ता सव्वकामरणियं पारे / छट्ठ करेइ, करेता सव्वकामगुणियं पारेइ / दुवालसमं करेइ, करेता सव्वकामगुणियं पारे / अहम करेइ, करेत्ता सन्वकामगुणियं पारे / चोइसमं करेइ, करेत्ता सब्बकामगुणियं पारे / दसम करेइ, करेत्ता सन्चकामगुणियं पारेइ / एक्काए कालो अट्ठ मासा पंच य दिवसा। च उण्हं दो वासा अट्ठ मासा वीस य दिवसा। सेस तहेव जाव सिद्धा। "-अन्तकृद्दशासूत्र, पृष्ठ 167 अट्टम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003480
Book TitleAgam 12 Upang 01 Auppatik Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1992
Total Pages242
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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