________________ महामन, सर्वतोभद्र, लघुसर्वतोभद्र प्रतिमा] महाभद्र प्रतिमा इस प्रतिमा में पूर्व, दक्षिण, पश्चिम तथा उत्तर दिशा में मुख कर क्रमशः प्रत्येक दिशा में एक एक अहोरात्र—दिन-रात तक कायोत्सर्ग करने का विधान है। यों इस प्रतिमा का चार दिनरात का कालमान है। सर्वतोभद्र प्रतिमा पूर्व, दक्षिण, पश्चिम, उत्तर, आग्नेय, नैऋत्य, वायव्य, ईशान, ऊर्ध्व एवं अधः ---क्रमश: इन दश दिशात्रों को प्रोर मुख कर प्रत्येक दिशा में एक एक दिन-रात कायोत्सर्ग करने का इस प्रतिमा में विधान है / यों इसे साधने में दश दिन-रात का समय लगता है / इस प्रतिमा के अन्तर्गत एक दूसरी विधि भी बतलाई गई है। तदनुसार इसके लधुसर्वतोभद्र प्रतिमा तथा महासर्वतोभद्र प्रतिमा--ये दो भेद किये गये हैं। लघुसर्वतोभद्र प्रतिमा __ अन्तकृद्द शांग सूत्र अष्टम वर्ग के छठे अध्ययन में महाराज श्रेणिक की पत्नी, राजा कणिक की छोटी माता महाकृष्णा द्वारा, जो भगवान् महावीर के श्रमण-संघ में दीक्षित थीं, लघसर्वतोभद्र तप किये जाने का उल्लेख' है / - ----- 1. एवं महाकण्हा वि नवरं-खुड्डागं सवओभई पडिम उवसंपज्जिता णं विहरइ करेइ, करेता सब्वकामगुणियं पारेइ / अट्टम करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारे / छळं करेइ, करेत्ता सम्बकामगुणियं पारेइ। दसम करेई, करेत्ता सम्बकामणियं पारेइ / अलैं करेइ, करेत्ता सब्वकामगुणियं पारे / करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / दसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / अट्टम करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारेइ / करेइ, करेत्ता सन्चकामगुणियं पारे / दसमं करेइ, करेता सबकामगुणियं पारेइ / करेइ. करेत्ता सब्वकामगुणियं पारेइ। दुवालसम करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / दसमं करेइ, करेता सव्वकामगुणियं पारेइ / चउत्थं करेइ, करेत्ता सबकामगुणियं पारे / दुवालसमं करेइ, करेत्ता सब्वकामगुणियं पारेइ / दसमं करेइ, करेत्ता सव्वकामगणियं पारेइ / चउत्थं करेइ, करेत्ता सव्वकामगणियं पारे / दुवालसम करेइ, करेत्ता सम्वकामगुणियं पारेइ / छठें करेइ, करेता सब्बकामगुणियं पारे / करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारेइ / दुवालसमं करेइ, करेत्ता सम्वकामगुणियं पारेइ / करेइ, करेत्ता सम्वकामगुणियं पारे / चउत्थं करेइ, करेता सव्वकामगुणियं पारे / अटुम करेइ, करेत्ता सम्बकामणिय पारेइ / छठें करेइ, करेत्ता सव्वकामगुणियं पारे / एवं खलु एयं खड्डागसम्वोभहस्स तबोकम्मस्स पढम परिवाडि तिहि मासेहिं दसहि य दिवसेहिं अहासूत्तं जाव आराहेत्ता दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेइ, करेत्ता विगइवज्ज पारेइ, पारेत्ता जहा रयणावलीए तहा एत्थ वि चत्तारि परिवाडीयो। पारणा तहेब / चउण्हं कालो संवच्छरो मासो दस य दिवसा / सेसं तहेव जाव सिद्धा। ---अन्तकृद्दशासूत्र, पृष्ठ 165 छठें दुवालसमं प्रदम चउत्थं ਝ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org