________________ 45 45 47 Accccc द्वीन्द्रिय जीवों के दुःख एकेन्द्रिय जीवों के दुःख मनुष्यभव के दुःख उपसंहार द्वितीय अध्ययन-मृषावाद मृषावाद का स्वरूप मृषावाद के नामान्तर मृषावादी मृषावादी-नास्तिकवादी का मत असद्भाववादी का मत प्रजापति का सृष्टिसर्जन मृषावाद—यहच्छावाद, स्वभाववाद, विधिवाद, नियतिवाद, पुरुषार्थवाद, कालवाद झूठा दोषारोपण करने वाले निन्दक लोभजन्य अनर्थकारी झूठ उभयघातक (असत्यवादी) पाप का परामर्श देने वाले हिंसक उपदेश-प्रादेश युद्धादि के उपदेश-आदेश मृषावाद का भयानक फल फल-विपाक की भयंकरता उपसंहार तृतीय अध्ययन-अदत्तादान अदत्त का परिचय अदत्तादान के तीस नाम चौर्यकर्म के विविध प्रकार धन के लिए राजाओं का आक्रमण युद्ध के लिए शस्त्र-सज्जा युद्धस्थल की वीभत्सता वनवासी चोर समुद्री डाके ग्रामादि लूटने वाले चोर को बन्दीगृह में होने वाले दुःख चोर को दिया जाने वाला दंड चोरों को दी जाती हुई भीषण यातनाएँ पाप और दुर्गति की परम्परा 16 6 6 6 6 600 ওও IS is www ww . [ 32] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org