________________ चउत्थो वग्गो 1-10 अज्झयणाणि उत्क्षेप १-जइ गं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं तच्चस्स वग्गस्स अयम? पण्णत्ते, च उत्थस्स वग्गस्स अंतगडदसाणं समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तणं के अट्ठपण्णत ? एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहासंग्रहणी-गाथा (1) जालि (2) मयालि (3) उवयाली (4) पुरिससेणे (5) वारिसेणे य / (6) पज्जुण्ण (7) संब (E) अणिरुद्ध (9) सच्चमि य (10) दढणेमी // 1 // जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं अज्झयणस्स के अट्ठपण्णत्त ? जालिप्रमति एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं बारवई नयरी। तीसे णं बारवईए नयरीए जहा पढमे जाव कण्हे वासुदेवे प्राहेवच्चं जाव विहरइ। तत्थ णं बारवईए नयरीए वसुदेवे राया। धारिणी देवी, वण्णप्रो। जहा गोयमो, नवरं जालिकुमारे। पण्णासो दायो। वारसंगी। सोलसवासा परियाओ। सेसं जहा गोयमस्स जाव" सेत्तुज्जे सिद्ध / एवं मयाली उवयाली पुरिससेणे य वारिसेणे य / एवं पज्जुण्णे वि, नवरं-कण्हे पिया, रुपिणी माया / एवं संबे वि, नवरं-जंबवई माया। एवं अणिरुद्ध वि, नवरं-पज्जुण्णे पिया, वेदम्भी माया। एवं सच्चणेमी, नवरं-समुद्दविजए पिया, सिवा माया। एवं दढणेमो वि सव्वे एगगमा // निक्षेप __ एवं खलु जंबू! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं चउत्थस्स वग्गस्स अयम? पण्णत्त / 1. 2. 3. 4. देखिये-प्रथम बर्ग, सूत्र 2. 5. देखिये-प्रथम वर्ग, सूत्र 5, 6. 6. देखिये-प्रथम वर्ग, सूत्र 6. 7. देखिये---प्रथम वर्ग, सूत्र 7,9. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org