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________________ सातवां अध्ययन : सकडालपुत्र] [151 एक दिन आजीविकोपासक सकडालपुत्र हवा लगे हुए मिट्टी के बर्तन कर्मशाला के भीतर से बाहर लाया और उसने उन्हें धूप में रखा। 196; तए णं से समणे भगवं महावीरे सद्दालपुत्तं आजीविओवासयं एवं वयासीसद्दालपुत्ता ! एस णं कोलालभंडे कओ' ? भगवान् महावीर ने आजीविकोपासक सकडालपुत्र से कहा-सकडालपुत्र ! ये मिट्टी के बर्तन कैसे बने ? 197. तए णं से सद्दालुपुते आजीविओवासए समणं भगवं महावीरं एवं वयासी-एस णं भंते ! पुटिव मट्टिया आसी, तओ पच्छा उदएणं निमिज्जइ, निमिज्जिता छारेण य करिसेण य एगयाओ मोसिज्जइ, मोसिज्जित्ता चक्के आरोहिज्जइ, तओ बहवे करगा य जाव' उट्टियाओ य कज्जंति। आजीविकोपासक सकडालपुत्र श्रमण भगवान महावीर से बोला-भगवन् ! पहले मिट्टी को पानी के साथ गूधा जाता है, फिर राख और गोबर के साथ उसे मिलाया जाता है, यों मिला कर उसे चाक पर रखा जाता है, तब बहुत से करवे, (गडुए, परातें या कूडे, घड़े, अधघड़े, कलसे, बड़े मटके, सुराहियां) तथा कूपे बनाए जाते हैं। 198. तए णं समणे भगवं महावीरे सद्दालपुत्तं आजीविओवासयं एवं क्यासी-सद्दालपुत्ता ! एस णं कोलाल-भंडे कि उट्ठाणेणं जाव' पुरिसक्कार-परक्कमेणं कज्जति उदाहु अणुद्वाणणं जाव: अपुरिसक्कार-परक्कमेणं कति ? तब श्रमण भगवान महावीर ने आजीविकोपासक सकडालपुत्र से पूछा-सकडालपुत्र ! ये मिट्टी के बर्तन क्या प्रयत्न, पुरुषार्थ एवं उद्यम द्वारा बनते हैं, अथवा प्रयत्न, पुरुषार्थ एवं उद्यम के बिना बनते हैं ? 199. तए णं से सद्दालपुत्ते आजीविओवासए समणं भगवं महावीरं एवं बयासी-भंते ! अणुट्ठाणेणं जाव' अपुरिसक्कार-परक्कमेणं / नस्थि उट्ठाणे इ वा जाव परक्कमे इ वा, नियया सव्वभावा। आजीविकोपासक सकडालपुत्र ने श्रमण भगवान् महावीर से कहा--भगवन् ! प्रयत्न, पुरुषार्थ 1. 'कहकतो? —अंगसुत्ताणि पृ. 405 2. देखें सूत्र 184 3. देखें सूत्र-संख्या 169 देखें सूत्र-संख्या 169 5. देखें सूत्र-संख्या 169 6. देखें सूत्र-संख्या 169 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003475
Book TitleAgam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Kanhaiyalal Maharaj, Trilokmuni, Devendramuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages276
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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