________________ इकसठवें समवाय का तीसरा सूत्र-'चंदमंडलेणं एगसछि......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति५६३ में भी चन्द्रमण्डल का समांश एक योजन के इकसठ विभाग करने पर (45 समांश) होता है / बासठवें समवाय का तीसरा सूत्र--'सुक्कपक्खस्स णं चंदे.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 64 में शुक्लपक्ष में चन्द्र बासठ भाग प्रतिदिन बढ़ता है और कृष्ण पक्ष में उतना ही घटता है, यह कथन है। त्रेसठवें समवाय के चारों सूत्रों में जो वर्णन है वह जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति६६५ में ज्यों का त्यों मिलता है। चौसठवें समवाय का छठा सूत्र--सव्वस्स वि य रन्नो.......' है तो जम्बुद्वीपप्रज्ञप्ति 266 में भी वर्णन है कि सभी चक्रवर्तियों का मुक्तामणिमय हार महामूल्यवान् एवं चौसठ लड़ियों वाला होता है / पैसठवें समवाय का पहला सूत्र--'जंबुद्दीवे णं दीवे पणसट्ठि सूरमंडला........' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 667 में भी जम्बूद्वीप में सूर्य के पंसठ मंडल बताये हैं। सड़सठवें समवाय का दूसरा सूत्र--'हेमयवएरनवयाओ...' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति६६८ में भी हेमवत और एरण्यवत की बाहा का आयाम सड़सठ सौ पंचावन योजन तथा एक योजन के तीन भाग जितना है / अड़सठवें समवाय के दूसरे, तीसरे और चौथे सूत्र-'उक्कोसपए असदिछ अरहता......' 'चक्कवट्टी बलदेवा ..... 'पुक्ख रवरदीवड्ढे णं' वर्णन है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 66 में भी 'उत्कृष्ट अड़सठ तीर्थकर, चक्रवर्ती बलदेव और वासुदेव होते हैं वैसे ही पुष्करार्धद्वीप में भी होते कहे हैं। बहत्तरवें समवाय का छठा सूत्र ---'एगमेगस्स णं रनो........' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति में भी यह वर्णन है कि प्रत्येक चक्रवर्ती के बहत्तर हजार श्रेष्ठ पुर होते हैं। बहत्तरवें समवाय का सातवाँ सुत्र-'बावत्तरि कलाओ पण्णत्ताओ.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति७१ में भी बहत्तर कलाओं का उल्लेख है। तिहत्तरवें समवाय का प्रथम सूत्र-'हरिबास-रम्मयवासयाओ.......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति में भी हरिवर्ष और रम्यक् वर्ष की जीवा के आयाम का वर्णन है / चौहत्तरवें समवाय का दूसरा सूत्र-'निसहाओ णं वासहर........' है तो तीसरा सूत्र है--'एवं सीताबि...' इसी तरह जम्बूद्वीप 72 प्रज्ञप्ति में भी निषध पर्वत और सीतोदा महानदी का वर्णन है। सतहत्तरवें समवाय का पहला सूत्र--'भरहे राया चाउरंत-चक्कवट्टी .......' है तो जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति६७3 663. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 7, सूत्र 144-145 664. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 7, सूत्र 134 665. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 2, सूत्र 3, व 4, सू. 82, वक्ष 7, सू. 127 666. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 3, सूत्र 68 667. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 7, सूत्र 127 668. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 4, सूत्र 76 669. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 7, 670. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 3, सूत्र 69 671. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 3, सूत्र 30 672. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-वक्ष 4, सूत्र 82 673. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-बक्ष 2, सूत्र 70 [ 98 ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org